मध्य प्रदेश में आगामी समय में 3 विधानसभा सीटों और 1 लोकसभा सीट पर उपचुनाव होंगे। हालांकि अभी चुनाव आयोग ने तारीख की घोषणा नहीं की है। वहीं बीजेपी-कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए जुट गईं हैं। सबसे ज्यादा चर्चा खंडवा लोकसभा सीट की हो रही है। हाल ही में कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण यादव की पार्टी से नाराजगी की खबरें सामने आईं। इस बीच अरुण यादव ने ट्वीट कर लिखा- मेरे शरीर व परिवार के रक्त की एक-एक बूंद में कांग्रेस विचारधारा का प्रवाह होता है, मुझ सहित समूचे परिवार के नाम के आगे "यादव" लिखा जाता है "सिंधिया" नहीं । अलगाववादी ताकतों को मुंह की खाना पड़ेगी । इस पर दिग्विजय सिंह ने लिखा- 'शाबाश अरुण आपसे यही हम सभी लोगों की उम्मीद है।'
अफवाहों पर लगाई रोक
दरअसल, यह सीट बीजेपी नेता नंदकुमार चौहान के निधन के बाद से खाली हो गयी थी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नंदकुमार चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहन को बीजेपी मौका दे सकती है। खबरों की मानें तो कांग्रेस की ओर से अरुण यादव दावेदारी कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस के अरुण यादव की नाराजगी की सामने आने के बाद लोगों ने कयास लगाए कि वह कांग्रेस नाराज हैं और बीजेपी में जा सकते हैं। सोशल मीडिया पर चल रहीं अफवाहों के बीच अरुण यादव ने ट्वीट के जरिए उन्होंने इन चर्चाओं को खारिज कर दिया है।
खंडवा के जमीनी नेता हैं अरुण यादव
बता दें कि अरुण यादव खंडवा के जमीनी नेता हैं। वे यहां से सांसद भी रह चुके हैं। उनका प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का साढ़े चार साल का कार्यकाल रहा। उपचुनाव को लेकर अरुण यादव सक्रिय हैं और लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस अरुण यादव को ही टिकट देगी। लेकिन हाल ही में निर्दलीय विधायक सुरेश सिंह शेरा ने कमलनाथ से मुलाकात की थी, जिसके बाद शेरा की पत्नी के भी खंडवा से चुनाव लड़ने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।