देव श्रीमाली, GWALIOR. संघ सुप्रीमो मोहन भागवत द्वारा ब्राह्मण वर्ग को लेकर की गई टिप्पणी पर शुरू हुआ विवाद संघ द्वारा सफाई देने के बावजूद खत्म नहीं हो रहा है। अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा राज्यमंत्री सुरेश पचौरी ने भी इस मामले में एंट्री ली है। सुरेश पचौरी ने कहा कि मोहन भागवत का बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और उन्हें ऐसे बयानों से बचना चाहिए।
सुरेश पचौरी बोले, ब्राह्मण जातिबोधक शब्द नहीं
कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी ने कहा कि पंडितों को लेकर भागवत का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को इस तरह का जातिगत बयान देने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां तक ब्राह्मण का प्रश्न है तो मैं ऐसा मानता हूं कि ब्राह्मण कोई जातिबोधक शब्द नहीं है बल्कि एक आचरण समवेत है। समाज किसी भी ब्राह्मण को शुभ या अशुभ कार्य के लिए बुलाते हैं। वो ये नहीं देखता कि किस जाति के व्यक्ति ने बुलाया है। वो सबकी मंगलकामना करते हैं। इसलिए ब्राह्मणों को इसी दृष्टि से देखना चाहिए। उनके बारे में ऐसी अभिव्यक्ति करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
हमारी सरकार ने 15 महीने में 365 वादे पूरे किए
सुरेश पचौरी ने कहा कि हमने वचन पत्र जारी किया जिस पर विश्वास करते हुए जनता ने कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनवाई और उन्होंने 15 महीने के ही कार्यकाल 365 वादे पूरे किए। सरकार कुछ और वादे पूरे करने वाली थी लेकिन सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी। इसलिए आगे काम नहीं हो सका।
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बीजेपी की सरकार आते ही फिर एग्जाम घोटाला शुरू
कांग्रेस नेता ने ग्वालियर में एनएचएम में होने वाली नर्स भर्ती परीक्षा के पेपर सरेआम बिकने और रैकेट का पर्दाफाश होने पर तंज कसते हुए कहा कि जब-जब बीजेपी की सरकार बनती है, तब-तब बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ होता है। व्यापमं घोटाला होता है, अंक बढ़ाने का घोटाला होता है और अब एक बार फिर ये नर्स भर्ती घोटाला हो गया। इसलिए अगर मैं ये कहूं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि बीजेपी की ये सरकार घपलों और घोटालों की सरकार है।