Bhopal. मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने 2000 रुपए के नोट बंद किए जाने के सरकार के फैसले पर बड़ा बयान दिया है। शर्मा ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव में दो-दो हजार के नोट जमकर बांटे थे। लोगों ने बीजेपी को वोट दिया नहीं, इसलिए उन्हें प्रताड़ित करने अचानक से नोटबंदी 2.0 को ऐलान कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने भी इसे तुगलकी फरमान बताया हे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बताएं जब बंद ही करना था, तो 2 हजार के नोट जारी ही क्यों किए गए थे। गोविंद सिंह ने कहा कि मोदी जनता को डराकर रखना चाहते हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि बीजेपी नेताओं ने नोटबंदी में काले धन को सफेद किया था।
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2 हजार के नोटों को सर्कुलेशन से वापस लेने का फैसला लिया है, मौजूदा नोट अमान्य नहीं किए गए हैं, वे लीगल टेंडर बने रहेंगे। वहीं आरबीआई ने बैंकों को 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 के नोट बदलने के निर्देश दिए हैं। एक बार में अधिकतम 20 नोट ही बदले जाएंगे। हालांकि खाते में 2000 के नोट जमा करने पर कोई लिमिट नहीं होगी। उधर बैंक भी अब 2 हजार के नोट लोगों को नहीं देंगे।
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बता दें कि 2 हजार के नोट नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद मार्केट में आए थे। उस दौरान सरकार ने 500 और हजार के नोट बंद कर दिए थे। इसकी जगह नए कलेवर में 500 का नया नोट और 2 हजार का गुलाबी नोट जारी किया गया था। इससे पहले 2018-19 में ही 2000 हजार के नए नोटों की छपाई बंद हो चुकी थी।
कांग्रेस की ओर से नोटबंदी को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया जा रहा है, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, मप्र में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत और विधायक पीसी शर्मा इस मुद्दे पर बयानबाजी कर चुके हैं। उधर सरकार की ओर यह हवाला दिया जा रहा है कि बीते सालों में ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई के छापों में भ्रष्ट लोगों के पास मिली नगदी में 2 हजार के नोट ही ज्यादा मात्रा में पाए गए थे, जिसके चलते सरकार ने 2 हजार के नोट बंद करने का फैसला लिया है।