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BHOPAL.धार जिले की गंधवानी विधानसभा से कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। विधायक उमंग सिंघार पर दर्ज मामले में अग्रिम जमानत को लेकर इंदौर की स्पेशल कोर्ट में दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया गया है। इस मामले में कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार के पास अब केवल कुछ चुनिंदा रास्ते ही बचे हैं, जिसमें से एक या तो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करें या दूसरा रास्ता है कि सिंघार पुलिस के सामने पेश हो जाएं।
साल के आखिर में होना है विधानसभा चुनाव
मध्यप्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव होना है। ऐसे में चुनाव के पहले उमंग सिंघार को राहत नहीं मिली तो उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि इसी प्रकरण में एक और सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है, जिस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इस मामले में सुनवाई अब आगामी 6 मार्च को होगी।
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जबलपुर की महिला ने लगाए आरोप
जबलपुर की रहने वाली महिला ने एक शिकायती आवेदन धार की नौगांव पुलिस को सौंपा था। इस आवेदन में विधायक उमंग सिंघार पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया था। इस मामले में धार के नौगांव थाने पर पुलिस ने आवेदन पत्र के आधार पर विधायक सिंघार के खिलाफ अप्राकृतिक कृत्य, प्रताड़ना सहित रेप की धारा में 20 नवंबर 2022 को केस दर्ज कर लिया था।
फरारी काट रहे कांग्रेस विधायक
आपको बता दें कि कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार पिछले तीन माह से इस मामले में फरार चल रहे हैं, सिंघार की गिरफ्तारी को लेकर धार पुलिस ने गंधवानी, इंदौर, भोपाल सहित गुजरात और महाराष्ट्र के अलग-अलग जगहों पर दबिश दी थी। लेकिन विधायक को गिरफ्तार नहीं कर सकी। इस प्रकरण में विधायक के साथ रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की गई थी। हालांकि पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है। इस केस में अग्रिम जमानत को लेकर इंदौर स्पेशल कोर्ट में आवेदन पेश किया था, जहां से अग्रिम जमानत का ये आवेदन खारिज हो गया।
पुलिस ने मांगी संपत्ति का जानकारी
लंबे समय से फरार चल रहे विधायक को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस भी लगातार कोशिश कर रही है, लेकिन उसे अभी तक सिंघार के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी है।पुलिस ने आरोपी विधायक की संपत्तियों की जानकारी मांगने को लेकर एक पत्र लिखा है। धार की नौगांव पुलिस ने गंधवानी के तहसीलदार को इस संबंध में पत्र लिखा, जिसमें क्षेत्र में विधायक की संपत्तियों की जानकारी मांगी गई है। हालांकि पत्र का जवाब अभी पुलिस को प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसे में जानकारी आने के बाद धारा 82 के तहत संपत्तियों को कुर्की की कार्रवाई भी पुलिस कर सकती है।