कोविड के दौरान क्या इंदौर में हुई थी 78 हजार मौतें, मतदाता सूची में कम हुए नाम को लेकर कांग्रेसियों ने जताया संदेह, सीएम को शिकायत

author-image
Vivek Sharma
एडिट
New Update
कोविड के दौरान क्या इंदौर में हुई थी 78 हजार मौतें, मतदाता सूची में कम हुए नाम को लेकर कांग्रेसियों ने जताया संदेह, सीएम को शिकायत

संजय गुप्ता, INDORE. कोविड के दो साल के दौर में क्या इंदौर जिले में 78 हजार से ज्यादा मौतें हुई थी। यह खतरनाक आशंका जिले की हाल ही में जारी हुई मतदाता सूची में कम हुई मतदाताओं की संख्या को देखते हुए कांग्रेसियों ने जताई है और इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिकायत की गई है। आशंका जताई गई है कि या तो मतदाता सूची में नाम काटने को लेकर साजिश रची गई है और यदि ऐसा नहीं है तो फिर कहीं यह मतदाता संख्या कोविड में मौतों के कारण तो नहीं हुई है? कांग्रेस सचिव राकेश यादव ने इसे लेकर शिकायत की है। उल्लेखनीय है कि द सूत्र ने मतदाताओं की कम हुई संख्या को लेकर सबसे पहले खबर ब्रेक की थी। बीती मतदाता सूची में जिले में 26 लाख 11 हजार 589 मतदाता थे और हाल ही में जारी सूची में 25 लाख 53 हजार 708 रह गए हैं। 



मौत के औपचारिक रिकार्ड 1469, मुआवजा बंटा 5000 को



कोविड में मौत के लिए अधिकृत आंकडा जिले में 1469 है लेकिन जब पीड़ितों को 50-50 हजार मुआवजे की योजना जारी हुई तो इंदौर जिले में छह हजार से ज्यादा आवेदन आ गए, जिसमें कोविड से मौत का दावा था, इन आवेदनों की जांच के बाद खुद प्रशासन पांच हजार से अधिक आवेदन को सच मानकर इन्हें मुआवजा वितरित कर चुका है। ऐसे में मौतों का शासकीय रिकार्ड 1469 खुद ही गलत साबित हो रहा है। 



जिले की आठ विधानसभाओं में कम हुए हैं मतदाता



जिले की नौ विधानसभाओं में से केवल एक विधानसभा देपालपुर में ही मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ है, शेष सभी विधानसभा नंबर एक से पांच, महू, राउ और सांवेर में मतदाता कम हुए हैं। सबसे ज्यादा मतदाता संख्या विधानसभा चार और विधानसभा दो में कम हुई है। विधानसभा क्रमांक 1 में 3,334 मतदाता,  दो में 14,404 तीन में 7404 मतदाता, चार में 25,571 मतदाता कम हुए हैं। विधानसभा क्रमांक 5 में 19 हजार से ज्यादा मतदाता कम हुए हैं। विधानसभा राउ में 8664 मतदाता कम हुए हैं।  महू और सांवेर में कम मतदाता की संख्या काफी कम है। 



कोविड के दौरान गांव में कम फैला था संक्रमण



ग्रामीण विधानसभा देपालपुर में मतदाता बढ़े हैं, तो वहीं महू, सांवेर में बहुत कम संख्या मे मतदाता कम हुए हैं। कोविड दौर में भी देखा गया था गांव की तुलना में कोविड संक्रमण शहर में अधिक गंभीर था। ऐसे में कांग्रेस के आरोपों को और बल मिलता है। प्रदेश सचिव राकेश यादव के अनुसार  कोविड काल में मौतों के आंकड़ों में जमकर हेराफेरी की गई थी। अंतिम संस्कार के लिए लाइनें लग रही थी लेकिन सरकार उस समय आंकड़े छिपाने में लगी थी लेकिन अब मतदाता सूची से हज़ारों की संख्या में नामों का कम होना यह सिद्ध कर रहा हैं कि यह कोविड मौतों का सही आंकड़ा


Indore voter list Uproar over voter list in Indore death during covid in indore Names reduced in voter list इंदौर वोटर लिस्ट इंदौर में मतदाता सूची पर हंगामा इंदौर में मतदाता सूची में खामियां मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी मतदाता सूची में नाम में कमी