संजय गुप्ता, INDORE. मप्र की नई आबकारी नीति को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने इसे मदिरा प्रदेश बनाने की नीति बताया था। इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी राजनीति शुरू हो चुकी है। कमलनाथ के बयान के बाद बीजेपी ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए। इंदौर में भी राजवाड़ा पर बीजेपी ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने इन प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया दे रही है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 12 और 14 जनवरी 2020 के दो पुराने ट्ववीट जारी किए हैं, जिसमें सीएम चौहान ने तत्कालीन सीएम कमलनाथ की नीति से मप्र को मदिरा प्रदेश बनाने की बात कही है। कांग्रेस ने कहा मदिरा प्रदेश का टैग कमलनाथ ने नहीं बल्कि खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ही दिया था।
ये किए थे शिवराज चौहान ने ट्ववीट
- 12 जनवरी 2020 को ट्वीट: मप्र को कमलनाथजी की कांग्रेस सरकार ने मदिरा प्रदेश बनाने का विनाशकारी फैसला लिया है। यह प्रदेश में शराब दुकान के साथ गांव-गांव में उपदुकान खोलकर प्रदेश को शराब के नशे में डुबोना चाहते हैं।
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कांग्रेस हुई हमलावर
कांग्रेस प्रवक्ता अमित चौरसिया ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने नहीं बीजेपी सरकार ने मध्यप्रदेश की छवि बदलकर मदिरा प्रदेश की कर दी है। कंपोजिट दुकानों की बाढ़ आ गई है। प्रदेश में राशन महंगा और शराब सस्ती है। बेरोजगारी का दंश झेल रहा युवा नशे की गिरफ्त में जा रहा है। महंगाई चरम पर है। मप्र कांग्रेस कमेटी के सचिव राजेश चौकसे व प्रवक्ता चौरसिया ने कहा कि बीजेपी को कमलनाथजी का नहीं बल्कि शिवराज सिंह चौहान का विरोध करना चाहिए, मध्यप्रदेश को यह टाइटल उनका ही दिया हुआ है। भाजपा के नेताओं की याददाश्त बहुत ही कमजोर है।
बीजेपी ने किया था प्रदर्शन
बीजेपी के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने मध्यप्रदेश को मदिरा प्रदेश कहे जाने पर रीगल चौराहा स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान नरेंद्र सलूजा, गोपीकृष्ण नेमा, सुधीर कोल्हे, संदीप दुबे, पार्षद निरंजन सिंह , शैलजा मिश्रा, शेख असलम आदि उपस्थित थे।