अंकुश मौर्य, BHOPAL. पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह समेत तमाम कांग्रेस नेता कमलनाथ को ही चुनावी और मुख्यमंत्री का चेहरा बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के चेहरे के ऐलान की परंपरा नहीं है। लिहाजा एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस करने राजधानी भोपाल आए कांग्रेस मीडिया विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा ने इस विवाद को फिर से हवा दे दी।
'कमलनाथ के चेहरे पर नहीं, मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस'
सीएम के चेहरे को लेकर किए गए सवाल के जवाब में खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस चेहरे पर नहीं, मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी, चुनाव के बाद प्रक्रिया के तहत ही मुख्यमंत्री चुना जाएगा। यानी विधायक दल की बैठक में ही मुख्यमंत्री का नाम फाइनल होगा। पवन खेड़ा के साथ कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी पीसीसी में प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
कर्नाटक की तरह एमपी में भी भटकाएगी बीजेपी
पवन खेड़ा ने कहा कि कर्नाटक के चुनाव में बीजेपी ने मुद्दों से भटकाने की कोशिश की तो जनता ने घर बैठा दिया। इसी तरह मध्यप्रदेश में धार्मिक मुद्दों को हवा दी जाएगी। बीजेपी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करेगी। खेड़ा ने कहा कि बीजेपी के पास बताने को कुछ नहीं है, छिपाने को बहुत कुछ है। इसलिए बात मुद्दों को नहीं होगी। सूबे की शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि मध्यप्रदेश में जो मुद्दे 18 साल पहले थे, वही मुद्दे आज भी हैं। सरकार मुद्दों का हल नहीं कर पाई, लिहाजा मुद्दे अब भयावह हो गए है। बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ही चुनाव लड़ा जाएगा।
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कांग्रेस ने फिर उठाया ईवीएम पर सवाल
चुनाव हारने के बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल ईवीएम पर सवाल उठाते हैं। लिहाजा कर्नाटक की जीत के बाद भी यही सवाल उठा तो पवन खेड़ा ने कहा कि बीजेपी को 65 सीटें ईवीएम की वजह से ही मिली हैं। उन्होंने कर्नाटक में बीजेपी की हार को पीएम मोदी के अहंकार की हार बताया। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जनता अब मन की बात नहीं, मुद्दों की बात सुनना चाहती है। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने की साजिश को भी जनता समझ गई है। यही वजह है कि राहुल गांधी को घर खाली करने के लिए मजबूर करने वाली बीजेपी को कर्नाटक की जनता ने सरकार से बाहर कर दिया।