मप्र में राज्य सेवा परीक्षा 2019 को लेकर लगी अवमानना याचिका खारिज, अभी एक और याचिका पर आदेश आना बाकी 

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The Sootr
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मप्र में राज्य सेवा परीक्षा 2019 को लेकर लगी अवमानना याचिका खारिज, अभी एक और याचिका पर आदेश आना बाकी 

संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) की राज्य सेवा परीक्षा 2019 के रिजल्ट के बाद लगी अवमानना याचिका जबलपुर हाईकोर्ट ने 13 फरवरी, सोमवार को खारिज कर दी। हालांकि इस केस की सुनवाई पूर्व में हो चुकी थी और आर्डर रिजर्व पर था, जिसे डबल बेंच ने जारी कर खारिज कर दिया है। इसमें याचिकाकर्ता का कहना था कि हाईकोर्ट जबलपुर के 7 अप्रैल 2022 को दिए आदेश का पालन अक्टूबर 2022 में जारी किए पीएससी के रिजल्ट में लागू नहीं किए गए हैं। प्री परीक्षा के रिजल्ट को मूल और प्रोविजनल दो कैटेगरी में बांटा गया है। प्रोवीजनल में भी अनारक्षित कैटेगरी व ओबीसी को बताया जरूर गया है, लेकिन इस प्रोविजनल में अनारक्षित कैटेगरी को जनरल कैटेगरी में तब्दील कर दिया गया है। इस कैटेगरी में किसी भी मैरिट होल्डर एसटी, एसटी व अन्य वर्ग को एंट्री नहीं दी गई है, जो हाईकोर्ट के पूर्व आदेश की अवमानना है। 



शासन और पीएससी ने यह रखा था तर्क



पीएससी और शासन की ओर से तर्क रखे गए थे कि सभी नियमों और आदेशों को ध्यान में रखते हुए ही रिजल्ट जारी किया गया है। प्री रिजल्ट मूल रूप से योग्यता तय करने का पैमाना नहीं है, यह केवल छंटनी परीक्षा है, जहां पास होने वालों की योग्यता का परीक्षण मुख्य परीक्षा में होता है। इसके चलते मुख्य परीक्षा के रिजल्ट के दौरान ही यह दावा किया जा सकता है कि आरक्षित उम्मीदवार के अंक अनारक्षित से ज्यादा है। इसके बाद ही उम्मीदवारों का एक कैटेगरी से दूसरी कैटेगरी में माइग्रेशन हो सकता है। 



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हाईकोर्ट ने इसलिए किया खारिज 



हाईकोर्ट डबल बेंच द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि याचिका का स्टैंड निराधार है। साथ ही इस कोर्ट द्वारा दो जनवरी 2023 में दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जो लंबित है। शीर्ष अदालत द्वारा इस पर स्टे भी नहीं दिया गया है। ऐसे में अवमानना का मामला नहीं बनता है, यह याचिका खारिज की जाती है। 



एक और याचिका पर आदेश आना बाकी



इसी के साथ कुछ उम्मीदवारों द्वारा मप्र शासन और पीएससी द्वारा लगाए गए 87-13 फीसदी के फार्मूले पर आपत्ति लेते हुए याचिका दायर की हुई है, जिसमें भी हाईकोर्ट जबलपुर सुनवाई पूरी कर चुका है। इसमें भी आर्डर रिजर्व पर है। उधर, राज्य सेवा परीक्षा 2019 की विशेष मुख्य परीक्षा अप्रैल में आयोजित होने जा रही है। हाईकोर्ट जबलपुर एक अन्य याचिका में पीएससी को छह माह के भीतर राज्य सेवा परीक्षा 2019 की पूरी प्रक्रिया कंपलीट करने का आदेश पहले ही दे चुका है, यानी जून तक आयोग को इस परीक्षा की अंतिम प्रक्रिया यानि इंटरव्यू पूरा करना है। उधर राज्य सेवा परीक्षा 2020 की मैन्स का भी रिजल्ट आ चुका है और अभी इसकी भी इटंरव्यू तारीख घोषित नहीं हुई है।


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