BHOPAL. मध्यप्रदेश में तीसरा विकल्प बनने का ख्वाब देख रही आम आदमी पार्टी में कलह मच गई है। ये कलह नई कार्यकारिणी को लेकर है। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खुलकर इस नई कार्यकारिणी का विरोध कर दिया है। उनका आरोप है कि पैराशूटी और निष्क्रिय लोगों को बड़े पद दे दिए गए हैं जबकि जो लोग सालों से जमीनी काम कर रहे थे उनको पदों से हटा दिया गया है।
आप की जंबो कार्यकारिणी, फिर भी असंतोष
23 मार्च को दिल्ली से भोपाल आए पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार ने पुरानी कार्यकारिणी भंग कर नई कार्यकारिणी का गठन कर दिया। उन्होंने सभी को एडजस्ट करने के लिए जंबो कार्यकारिणी बना दी। प्रदेश और जिला मिलाकर इस सूची में 500 से ज्यादा नाम हैं, लेकिन इस कार्यकारिणी के बनने के बाद पार्टी के अंदर अंसतोष का विस्फोट हो गया। कार्यकर्ताओं ने खुलकर विरोध कर दिया। विरोध उस एजेंसी पर भी था जिसकी जांच पड़ताल के बाद नई कार्यकारिणी बनाई थी। आप का ये हाईटेक फॉर्मूला काम नहीं आया। इसी एजेंसी की रिपोर्ट पर पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष से लेकर पूरे घर को बदल दिया। अब जो विवाद उठा है वो संभाले नहीं संभल रहा।
पैराशूटी नेताओं को बड़े पद
रुचि गुप्ता, वाइस प्रेसीडेंट (कांग्रेस से)
हरीश पाठक, जिला अध्यक्ष भोपाल (कांग्रेस से)
राजीव भटनागर, ज्वाइंट सेक्रेटरी (एनसीपी से)
रईसा मलिक, ज्वाइंट सेक्रेटरी (कांग्रेस से)
रमाकांत पटेल, प्रवक्ता (नॉन एक्टिव)
शैली छाबड़ा, ज्वाइंट सेक्रेटरी (अभी शामिल)
प्रशांत त्रिपाठी, प्रेसीडेंट डॉक्टर विंग (नॉन एक्टिव)
डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू
इस विरोध के बाद पार्टी ने डैमेज कंट्रोल तेज कर दिया है। दिल्ली से पार्टी ने संदेश भेजा है कि काम करने वाले सभी लोगों को एडजस्ट किया जाएगा। हालांकि पार्टी के प्रदेश के नेता दावा कर रहे हैं कि कहीं कोई विरोध नहीं है। ये पार्टी का अंदरूनी और आपस का मामला है जिसे सुलझा लिया जाएगा।