Jabalpur. मध्यप्रदेश में वकीलों की सबसे बड़ी संस्था एमपी स्टेट बार कौंसिल में चेयरमैन के पद को लेकर फिर तकरार शुरू हो गई है। बता दें कि हाईकोर्ट ने डॉ विजय चौधरी की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें अध्यक्ष नियुक्त माना था लेकिन पिछले दिनों उन्होंने उक्त याचिका वापस ले ली। जिसके बाद दूसरे पक्ष ने स्टेट बार सदस्य शैलेंद्र वर्मा को चेयरमैन का प्रभार देने का प्रस्ताव कार्यकारिणी समिति द्वारा पारित कर दिया गया। जिसके बाद डॉ विजय चौधरी ने पत्र जारी करते हुए साफ किया कि उन्होंने याचिका वापस ली है न कि चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया है। जब तक विधिवत तरीके से नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता, तब तक वे ही चेयरमैन रहेंगे। इसके साथ ही पत्र के जरिए उन्होंने 4 दिसंबर को होने वाली सामान्य सभा की बैठक की जानकारी भी दे दी।
1 दिसंबर को कार्यकारिणी समिति ने पास किया प्रस्ताव
बता दें कि 1 दिसंबर को कार्यकारिणी समिति ने शैलेंद्र वर्मा को चेयरमैन पद का प्रभार देने संबंधी प्रस्ताव पारित कराया जिसकी जानकारी डॉ विजय चौधरी को लगी। जिसके बाद उनके द्वारा जारी पत्र में कहा गया कि सदस्य शैलेंद्र वर्मा कभी भी स्टेट बार के चेयरमैन नहीं रहे। डॉ चौधरी के द्वारा दायर याचिका में हाईकोर्ट ने भी उन्हें चेयरमैन माना था। उनके याचिका वापस ले लेने भर से कार्यकारिणी समिति को शैलेंद्र वर्मा को अध्यक्ष मानने का कोई अधिकार नहीं है। पत्र में डॉ चौधरी ने यह भी उल्लेख किया है कि मेरा कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद भी मैं चेयरमैन रहूंगा जब तक कि नए चेयरमैन का चुनाव संपन्न नहीं हो जाता।
पत्र में दी नजीर
डॉ विजय चौधरी ने अपने पत्र में नजीर देते हुए लिखा है कि मुंबई हाईकोर्ट द्वारा प्रकरण काशीनाथ लक्ष्मण भिड़े व अन्य बनाम स्टेट ऑफ महाराष्ट्र 1956 एससीसी आनलाइन अवलोकनीय है, जिसमें बताया गया है कि जब किसी संस्था का विधिवत चेयरमैन चुना जाता है, तो उसका समय समाप्त होने के उपरांत वह तब तक चेयरमैन रहेगा, जब तक कि नया चेयरमैन विधिवत नहीं चुना जाता।
दोनों पक्षों ने एकदूसरे के प्रस्ताव को किया खारिज
इधर डॉ विजय चौधरी ने कार्यकारिणी समिति के उक्त प्रस्ताव को निरस्त किया है जिसमें शैलेंद्र वर्मा को प्रभारी चेयरमैन बनाया गया था। वहीं शैलेंद्र वर्मा ने भी डॉ विजय चौधरी द्वारा 4 दिसंबर को आहूत की गई सामान्य सभा की बैठक के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है।