सिंधी समाज की धर्म संसद के पहले विवाद- गुरू ग्रंथ साहिब विवाद को लेकर समाजसेवी कोडवानी बैठे धरने पर, सांसद लालवानी की भी निंदा की

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The Sootr
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सिंधी समाज की धर्म संसद के पहले विवाद- गुरू ग्रंथ साहिब विवाद को लेकर समाजसेवी कोडवानी बैठे धरने पर, सांसद लालवानी की भी निंदा की

योगेश राठौर, INDORE. सिंधी समाज की रविवार को होने वाली धर्म संसद के पहले विवादों ने तूल पकड़ लिया है। इस आयोजन से जुड़े आयोजकों के राजनीति से जुड़े होने के चलते और समाजसेवियों को दूर रखने के कारण पहले से ही यह आयोजन को लेकर विवाद था और साथ ही खर्चे से ज्यादा चंदा जमा करने को लेकर भी समाज में आरोप-प्रत्यारोप के दौर चल रहे थे। वहीं अब गुरू ग्रंथ साहिब मामले में कार्रवाई नहीं होने और अन्य मांगों को लेकर समाजसेवी किशोर कोडवानी सिंधी कॉलोनी में धरने पर बैठ गए। इस आयोजन से उन्होंने खुद को दूर कर लिया, एक अन्य समाजसेवी प्रकाश राजदेव पहले ही दूर है। बताया जा रहा है कि 23 पंचायतों में से केवल छह पंचायतें ही इस आयोजन में शिरकत कर रही है।





कोडवानी इन पांच मांगों को लेकर बैठे धरने पर





कोडवानी की मांग है कि हाल ही में सिंधी समाज के दरबार, मंदिरों से गुरू ग्रंथ साहिब उठाए जाने के मामले की न्यायिक जांच कराई जाए। इस मामले में एफआईआर होना चाहिए थी, वहीं सांसद शंकर लालवानी समाज के होने के बाद भी इस मामले में दूर रहे और सामने नहीं आए।  सिन्धी धर्म स्थलों मे भगवान झूलेलाल कि मुर्ति जल कलश व अखण्ड ज्योत स्थापना की जाए,  धर्म स्थल की आय परमार्थ में व्यय हो न कि निजी सम्पति बने और सिन्धी विस्थापित/शरणार्थी ननीं बल्कि सेनानी कहलाए जाएं।





गुरू ग्रंथ साहिब उठाने का यह है विवाद





कुछ निहंगों ने सिंधी दरबार की जांच की और यह कहते हुए ग्रुरू ग्रंथ साहिब उठा लिए कि यहां उनकी मर्यदा का पालन नहीं हो रहा है। इसे लेकर सिंधी समाज और गुरू सिंघ सभा के पदाधिकारियों की बैठक हुई, लेकिन इसमें सुलह होने की जगह यह प्रस्ताव बन गया कि सभी सिंधी दरबार गुरू ग्रंथ साहिब जमा कर दें। इसके बाद 92 गुरु ग्रंथ साहिब वापस कर दिए गए। इन विवादों के बीच महामंडेशवर सांई महाराज ने खासी आपत्ति जताई और पत्र लिख दिया कि सभी दरबारों से यह वापस किए जाएं। उधर पूरे विवाद के दौरान सांसद लालवानी का कोई बयान नहीं आया। 





29  जनवरी को होना है धर्म संसद





अखिल भारतीय सिंधु संत समाज ट्रस्ट के सानिध्य में दिनांक 29 जनवरी 2023, रविवार को इंदौर में सनातन धर्म सभा का आयोजन किया जा रहा है।  संत श्री माधवदास उदासी ने बताया कि दिनांक 29 जनवरी को साधू वासवानी नगर स्थित साधू वासवानी उधान में अखिल भारतीय सिंधु संत समाज ट्रस्ट द्वारा सनातन धर्म सभा का आयोजन किया जा रहा है जिसमे देश भर के सिन्धी साधु संत महात्मा इंदौर आ रहे है।  सनातन धर्म सभा के पहले सुबह 10 बजे स्वामी प्रीतमदास उदासीन मंदिर बी.के सिन्धी कालोनीं मेनरोड चौराहे से देश भर से इंदौर आ रहे सिन्धी समाज के साधु संत महात्माओं के साथ इंदौर ले संतजनो द्वारा एक शोभायात्रा निकाली जाएगी जिसमें सिंधी समाज के महिला पुरुष भजन गाते रामनाम की धुन पर नाचते गाते साधूवासवानी नगर उधान पहुंचेंगे। सुबह 10.30 बजे साधू वासवानी नगर उधान पर अखिल भारतीय सिंधु संत समाज द्वारा सनातन धर्म सभा का आयोजन किया जाएगा धर्म सभा को राजस्थान के भीलवाड़ा से आ रहे महामंडेलश्वर स्वामी श्री हंसराम उदासीन जी व सिन्धी संत साधुजन संबोधित करेंगे। 





धर्म संसद का कोई मतलब नहीं रह गया





वहीं समाज में यह भी बात चल रही है कि  अब इस धर्म सभा का कोई औचित्य नहीं रह गया है. क्योंकि इसके  कर्ता धर्ता कुछ चंदे बाज व  राजीनीति से प्रेरित  दो तीन  कथित संत है। समाज के वरिष्ठ समाज सेवियों को नजरअंदाज कर यह लोग अपनी दुकान सजाने मे लग गए है। इसलिए इस सभा को स्थगित कर देना चाहिए। बिना पूरे सामाजिक नेताओं से सलाह लिए बगैर दो तीन धर्म के परम्परा गत ठेकेदार व दो तीन  संत ही यह सब बेवजह सभा करवा रहे हैं।



 



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