Jabalpur. जबलपुर में नानाजी देशमुख विटरनरी विश्वविद्यालय का छठवां दीक्षांत समारोह सोमवार को संपन्न हुआ। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने शिरकत की और मेधावी छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को मैडल और डिग्री वितरित कीं। इस दौरान राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह को ऋषि मुनियों के काल में गुरूकुल की परंपरा का हिस्सा बताया। समारोह में विश्वविद्यालय ने डॉ आदित्य कुमार मिश्र को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से भी अलंकृत किया। डॉ मिश्रा ने पुशधन उन्नयन और संवर्धन के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करने के साथ ही पशुचिकित्सा विज्ञान संस्थानों में उच्च पदों पर आसीन रहकर इस क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी हैं।
पशुओं की सेवा के लिए दिया साधुवाद
राज्यपाल ने समारोह में कहा कि राज्य में यह एकमात्र विश्वविद्यालय है जो संपूर्ण राज्य के पशुओं से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहा है। उन्होंने पशु चिकित्सा के साथ-साथ फिशरीज, वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक और बायोटैक्नोलॉजी पर विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी प्रशंसा की।
नानाजी देशमुख की मूर्ति का किया अनावरण
समारोह में सर्वप्रथम नानाजी देशमुख की मूर्ति का अनावरण किया गया। जिसके बाद समारोह में छात्र-छात्राओं को 13 मैडल प्रदान किए गए। इसके अलावा 37 पीएचडी की उपाधियां, सर्टिफिकेट ऑफ मैरिट के प्रशस्ति पत्र, 968 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं। कार्यक्रम की रिहर्सल काफी दिनों से जारी थी, वहीं इस दीक्षांत समारोह में अंग्रेजों द्वारा चलन में लाई गई गाउन परंपरा को किनारे करते हुए भारतीय परिधानों में ही छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए।