Jabalpur. जबलपुर में लोगों को नगर निगम के जोन स्तर पर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने संचालित आयुर्वेदिक औषधालय और होम्योपैथी-यूनानी डिस्पेंसरी एक के बाद एक सिलसिलेवार ढंग से बंद हो गईं। इतना ही नहीं लोगों को सर्दी-जुखाम, खांसी और बुखार होने पर भी अस्पताल के चक्कर न काटने पड़ें इसके लिए स्थानीय स्तर पर सुविधा देने के लिए खोले जाने वाले संजीवनी क्लीनिक शुरू होने का भी इंतजार ही चल रहा है।
शहर में पहले जोन स्तर पर संचालित आयुर्वेदिक औषधालय और होम्योपैथी, यूनानी दवाखानों में इन विधाओं के चिकित्सक और स्टाफ तैनात रहता था। लोगों को दवा उपलब्ध कराने निगम प्रशासन भी अपने बजट में राशि का प्रावधान करता था। डॉक्टर रिटायर होते गए और एक-एक कर सभी डिस्पेंसरी में ताले लगते गए। इनकी जगह निगम के जोन कार्यालय खुल गए तो कही निगम ने कन्वेंशन सेंटर से लेकर अन्य भवनों का निर्माण कर लिया।
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40 संजीवनी क्लीनिक खुलने हैं
शहर में 40 से ज्यादा संजीवनी क्लीनिक खोले जाने हैं। इनमें से 17 क्लीनिक जो पहले से संचालित थे उनमें से 4 का रिनोवेशन का काम पूरा हो चुका है। बाकी भवनों के निर्माण के लिए टेंडर जारी हैं। इन भवनों के निर्माण के बाद सभी संजीवनी क्लीनिक एक साथ संचालित हो सकेंगे। भवनों के रेनोवेशन और निर्माण का काम नगर निगम का पीडब्ल्यूडी विभाग कर रहा है। इन संजीवन क्लीनिक में स्वास्थ्य विभाग स्टाफ उपलब्ध कराएगा। हर क्लीनिक में 1-1 डॉक्टर, स्टाफ नर्स, लैब टैक्नीशियन और एएनएम की तैनाती की जाएगी। हर क्लीनिक के अंतर्गत 4 से 5 वार्ड आएंगे। जिनमें मरीज की सामान्य जांच से लेकर उसे परामर्श देने के साथ ही दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी।
अभी ये हैं हाल
वर्तमान में नगर निगम के दवाखानों के हाल यह हैं कि गढ़ा की डिस्पेंसरी में सब्जी की दुकान खुली हुई है। मंसूराबाद में यूनानी दवाखाने में ताला लटका हुआ है। वहीं गढ़ा के दवाखाने में कोई भी डॉक्टर तैनात नहीं है।