Sidhi. प्रधानमंत्री 2022 तक पीएम आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को झोपड़ी से हटाकर घर देने का सपना संजोए बैठे हैं, वहीं सीधी जिले के भ्रष्ट अधिकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं। यहां हितग्राहियों को लाभ न देकर ऐसे लोगों को पीएम आवास दिया जा रहा है जो ग्राम पंचायतों से दूसरे जिले में जा चुके हैं। इसकी शिकायत ब्लॉक से लेकर जिला अधिकारी तक से हो चुकी है, लेकिन भ्रष्ट तंत्र के चलते दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो सकी। लिहाजा प्रधानमंत्री आवास योजना अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर रह गई है।
यह है पूरा मामला
ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के चोभरा दिग्विजय से सामने आया है। जहां शिकायतकर्ता ने बताया कि हितग्राही रामदत्त गुप्ता जो मूल रूप से शहडोल जिले के देवलौंद का रहने वाला है, वह कुछ साल पहले ग्राम पंचायत में रहने लगा। लेकिन कुछ सालों बाद ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिलकर रामदत्त गुप्ता का नाम ग्राम पंचायत की सूची में जोड़कर पीएम आवास स्वीकृत करा दिया।
यहीं नहीं बाकायदा रामदत्त गुप्ता से तीनों किस्त और मजदूरी का भुगतान भी करा दिया गया। लेकिन आवास के नाम पर नींव तक की खुदाई नहीं कराई। जब इसकी भनक शिकायतकर्ता को लगी तो उसने जनपद पंचायत में शिकायत की, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह सीधे जनसुनवाई में पहुंच गया। इसके बाद भी अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
मामले में क्या बोले अधिकारी
आवास योजना जिला पंचायत सीधी के प्रभारी ब्रह्मानंद पाण्डेय ने कहा, 'हमें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है, आपके द्वारा मामले की जानकारी दी गई है तो खुद स्थल पर जाकर निरीक्षण करूंगा और जो भी तथ्य निकलकर सामने आएंगे वह वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराए जाएंगे।