ज्ञानेंद्र पटेल, INDORE. इंदौर नगर निगम परिसर में सालों पुरानी बनी दरगाह में निर्माण काम होने को लेकर गुरुवार 1 जून की शाम को विवाद हो गया। इसे लेकर हिंदू संगठन के कार्यकर्ता जमा हो गए और उन्होंने इसमें अवैध निर्माण कर इसे बढ़ाने की बात कही। वहीं, काम कराने वाले ठेकेदारों से जब लोगों ने पूछताछ की तो इसमें से एक ने बोला वह पार्षद अनवर खान दस्तक ने उन्हें यहां के लिए भेजा था। दस्तक पूर्व पार्षद है, और वार्ड 8 से अभी उनकी पत्नी पार्षद है। पार्षद पर पहले भी कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिसकी जांच चल रही है। हाल ही में निगमायुक्त और कांग्रेस पार्षद दल की बैठक में पतियों के आने पर निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने बाहर भेज दिया था, इसमें दस्तक भी शामिल था। यह रघुवीर गृह निर्माण संस्था के जमीन घोटाले संबंधी शिकायत में भी उलझे हुए हैं, जहां गरीबों के प्लाट दूसरों को बेच डाले गए हैं।
यह है मामला-
नगर निगम परिसर में SBI बैंक के सामने परिसर के अंतर्गत आने वाले पार्क में बनी सालों पुरानी मजार पर टीन शेड के निर्माण को लेकर हिंदू धर्म जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने निर्माण को रोका। इसी बीच निर्माण करने वालों के बीच बवाल होते देख पुलिस प्रशासन व देर सबेर से निगम के अधिकारी भी पहुंच गए। निर्माण करने पहुंचे 3 युवकों अर्सलान, अरबाज उर्फ समीर, मोहम्मद जाकिर ने बताया ठेकेदार ने काम दिया था। उन्होंने ठेकेदार मुजफ्फर का नाम लेते हुए कहा कि हमें तो मजार के टीन से पानी टपकने की शिकायत मिली थी तो हम सुधारने पहुंच गए हम फेब्रिकेशन का काम करते हैं हम तो सिर्फ यहां काम करने आए हैं। जब मुजफ्फर नाम के ठेकेदार को बुलाया गया तो उसने पहले दस्तक का नाम लिया, जब फिर जब पूछा गया कि क्या अनवर दस्तक ने आपको यहां पहुंचाया है तो मुजफ्फर पलट गया।
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हिंदू जागरण मंच नाराज
वहीं, हिंदू धर्म जागरण मंच के जिला संयोजक कन्नू मिश्रा ने निगम के अंदर मजार पर चद्दर बदलने के काम को लेकर आरोप लगाए कि यह केवल टिन शेड के काम नहीं है, यह दरगाह का एरिया बढ़ाने का काम था। युवकों से पूछा कि किसके आदेश से टीन बदलने आए हो उन्होंने वार्ड क्रमांक 8 के पार्षद अनवर दस्तक का नाम लिया। निगम का ध्यान केवल सनातन मंदिरों के ऊपर जा रहा है और उन्हें तोड़ रहे हैं, लेकिन बार-बार अवैध निर्माण की जानकारी देने पर भी अन्य धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई नहीं होती है। जब यह घटनाक्रम हुआ तब निगम के अधिकारी बुलाने पर भी मौके पर नहीं पहुंचे और जब यह बात महापौर पुष्यमित्र भार्गव तक पहुंची तब उनकी फटकार के बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे। बाद में युवकों को पुलिस को सौंपा गया।