BHOPAL.मप्र की राजधानी भोपाल में एक विचित्र मछली पाई गई है। दरअसल, भोपाल स्थित खानूगांव इलाके में 18 अप्रैल को कुछ युवक बड़े तालाब में मछली पकड़ने गए थे। तभी अनस खान के फिशिंग रॉड के कांटे में एक मछली फंसी। जब उसने उसे बाहर निकाला तो वह मगरमच्छ जैसी नजर आ रही थी। अनस ने बताया कि मछली को कई लोग देखने आ रहे हैं। इसे घर में ही रखा है। हालांकि फिशिंग के दौरान मछली मर गई थी।
ढाई किलो है वजन
फिशिंग करने वाले अनस खान ने बताया कि इस विचित्र मछली का वजन करीब ढाई किलो है और करीब डेढ़ फीट लंबी है। मछली का मुंह मगरमच्छ के जबड़े जैसा है। बड़े तालाब में पहली बार इस तरह की मछली मिली है। देखने में हूबहू मगरमच्छ जैसी दिखने वाली ये मछली एलीगेटर गार है। इसे क्रोकोडाइल फिश भी कहते हैं।
यहां भी देखी जा चुकी है ऐसी मछली
झारखंड के धनबाद में भी मगरमच्छनुमा मुंह की मछली बीते दिनों देखी गई थी। जिसमें अमलटॉड़ गांव में मछली मारने वाले लोग ने बताया था कि जब वह मछली पकड़ने वाले जाल में मछली जैसा एक अद्भुत जीव आकर को फंसा देखा, डर गए थे। इस जीव का शरीर पूरी तरह से मगरमच्छ की तरह है, जबकि इसका आकार मछली की तरह है।
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अमेरिका में पाई जाती है ऐसे मछली
इस तरह की मछलियां उत्तरी अमेरिका में मीठे पानी में पाई जाती हैं। इनके आरी की तरह बड़े-बड़े दांत होते हैं। मांसाहारी होती हैं। इसकी उम्र 18 से 20 साल होती है। यह मछली करीब 10 फीट तक लंबी हो सकती है। खतरा महसूस होने पर यह मछली इंसानों तक पर हमला कर देती है। उत्तरी अमेरिका में इसके अटैक के केस सामने आते रहते हैं। एलिगेटर गार को लोग पालना भी पसंद करते हैं। केरल में तो इनका पालन भी होता है। 5 इंच के मछली के बच्चे की कीमत 1 हजार से 2 हजार रुपए तक होती है।
दो साल पहले इंदौर लाई गई थी
प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर में दिसंबर 2021 को एलीगेटर गार फिश को चोरी छिपे एक्वेटिक पोर्ट में रखकर मुंबई से लाया गया था। इंदौर एयरपोर्ट पर डीआरआई की इंफोर्समेंट टीम ने जब संबंधित व्यक्ति से मछली पालन के दस्तावेज मांगे, तो वह उपलब्ध नहीं करा सका। स्मगलिंग की आशंका के चलते मछली को जब्त कर लिया गया था। बाद में इंदौर नगर निगम नेइसे एक्टिवेटेड एक्वेरियम में रख दिया।