Damoh. दमोह की हटा जनपद पंचायत के ग्राम हरदुआ सड़क की महिला सरपंच रश्मि मुड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। रश्मि का चयन प्राइमरी शिक्षक के पद पर हुआ है और उन्हें 8 अप्रैल को ज्वाइनिंग देना है। इससे पहले उन्होंने पद से त्याग पत्र दे दिया। यहां पर बता दें कि वर्ष 2018 में संपन्न हुई प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवारों की जो लिस्ट जारी हुई। उसमें रश्मि का भी नाम है। रोचक बात यह है कि रश्मि ब्लॉक की सभी 57 ग्राम पंचायतों में सबसे कम उम्र की 27 साल की सरपंच थीं।
रश्मि पिता संतोष कुमार मुड़ा ने प्राथमिक स्कूल रिछ्याऊ पदस्थापना के लिए चुना था। शिक्षक पद पर ज्वाइनिंग करने के पूर्व गुरुवार को रश्मि मुड़ा ने जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचकर खंड पंचायत अधिकारी राजेश पाराशर को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वे आदिवासी कोटा से आती हैं। उन्होंने अपने इस फैसले के पीछे पंचायती राज में फैले भ्रष्टाचार और लालफीता शाही को भी एक कारण बताया है।
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जनहित के काम में आती हैं कई अड़चनें
रश्मि ने बताया कि जब उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और उन्हें जीत मिली तो उन्होंने तय किया था कि वे क्षेत्र का विकास करेंगी, लेकिन जब उन्होंने अपने लक्ष्य को लेकर काम प्रारंभ किया तो उसमें अनेक परेशानियां सामने आईं। पंचायती राज व्यवस्था में कमीशनबाजी, पूर्व सचिव के द्वारा दस्तावेज उपलब्ध न कराना, सीसी सड़कों की मंजूरी न होना, नाली निर्माण न होना, बिजली व्यवस्था में सुधार न होना और स्थानीय स्तर पर सैंकड़ों समस्याएं मिलीं, जिन्हें हल कराने का प्रयास किया, मगर सिस्टम के आगे एक नहीं चली। इसलिए उन्होंने राजनीति को छोड़ने का निर्णय लिया।
कुछ खास न करने का भी मलाल
रश्मि ने बताया कि सरपंची कार्यकाल में वे कुछ खास नहीं कर पाईं। जिस लक्ष्य को लेकर उन्होंने सरपंच पद संभाला था। वह पूरा नहीं हो पाया। आगे भी इसमें कोई संभावना नजर नहीं आ रही थी। जिस पर उन्होंने शिक्षक बनने का निर्णय मजबूरी में लिया।