ये कैसा निर्माण: 24 घंटे के अंदर दतिया के चार पुल बहे, शिवपुरी का एक पुल क्षतिग्रस्त

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ये कैसा निर्माण: 24 घंटे के अंदर दतिया के चार पुल बहे, शिवपुरी का एक पुल क्षतिग्रस्त

मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में बाढ़ ने कहर बरपा दिया है। वहीं सरकारी कामों की भी पोल खोल दी है। कहीं हाईवे पर ट्रक धंस गया तो कहीं पुल खिलौने की तरह बह रहे हैं। सेवढ़ा में रतनगढ़ और लांच पुल के बाद आज सनकुंआ, इंदुर्खी के पुल भी पानी के तेज बहाव में कागज की नाव की तरह बह गए। इसके अलावा नरवर-ग्वालियर को जोड़ने वाले पुल का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। यानि 24 घंटे के अंदर दतिया के चार पुल पानी में बह गए। इसके अलावा शिवपुरी का एक पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मंगलवार को सिंध नदी के तेज पानी में गोराघाट के नजदीक लांच का पुल और रतनगढ़ वाली माता मंदिर का पुल बह गया था। जिसके बाद बुधवार को दतिया जिले में सिंध नदी पर बने सेंवढ़ा और इंदुर्खी पुल बह गए। वहीं बुधवार को सुबह करीब 11 बजे नेशनल हाईवे-3 (ग्वालियर फोर लाइन बायपास ) पर बड़ा हादसा हुआ। हाईवे रोड पर जा रहा एक ट्रक देखते ही देखते धरती में समा गया।

कैसी होती है पुल की डिजाइन

तिलक राज कपूर (रिटायर चीफ इंजीनियर जल संसाधन) का कहना है कि उच्च स्तरीय पुलों की डिजाइन में 100 वर्षीय बाढ़ अनुमान के आधार पर पुल की ऊंचाई तय करने का प्रावधान है। डिजाइन में बाढ़ के उच्चतम अनुमानित स्तर का आंकलन कर ऊर्ध्व अंतर (वर्टिकल गेप) रखा जाता है जो बाढ़ के पूर्व अनुमान की मात्रा के आधार पर 150 मिलीमीटर से 1500 मिलीमीटर के बीच होता होता है। बहे हुए पुल के स्थान पर अधिकतम बाढ़ पूर्वानुमान 3000 क्युमेक से अधिक होने के कारण यह 1500 मिलीमीटर होना जरूरी था। पुल स्थल पर नदी की प्रवाह चौड़ाई जरूरत से कम रखे जाने पर अफलक्स का ज्यादा प्रावधान रखना जरूरी होता है। बहे हुए पुल के डिजाइन, कंस्ट्रक्शन और रखरखाव संबंधी रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही जिम्मेदारी तय होगी।

जांच के निर्देश

लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने रतनगढ़-बसई मलिक मार्ग में सिंध नदी पर बने पुल, इंदरगढ़-पिछोर मार्ग पर बने पुल के टूटने और बह जाने पर जांच के निर्देश दिए हैं। इसके लिए अधीक्षक इंजीनियर सेतु मण्डल एमपी सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति जांच कर सात दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। समिति में एग्जिक्यूटिव इंजीनियर सेतु संभाग-सागर पीएस पन्त और एसडीओ सेतु संभाग भोपाल अविनाश सोनी सदस्य बनाए गए हैं।

रतनगढ़ का पुराना पुल अभी भी सुरक्षित, नया ढह गया

दतिया में सिंध नदी की बाढ़ में रतनगढ़ का नया पुल तिनके की तरह ढह गया जबकि पुराना पुल आज भी सुरक्षित है। नया पुल 2010 में बना है। यह पुल 2006 में बारिश के दौरान सिंध नदी की बाढ में 57 लोगों के बह जाने के बाद बनाया गया था। यह हादसा शिवपुरी के मड़ीखेड़ा डैम के गेट खोले जाने से सिंध नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण हुआ था। उस समय एम.गीता शिवपुरी कलेक्टर थीं और इस हादसे में जिला प्रशासन की लापरवाही सामने आने के बाद प्रदेश सरकार की बड़ी किरकिरी हुई थी।

बाढ़ पुल सेंवढ़ा रतनगढ़