Jabalpur. जबलपुर में कुटुंब न्यायालय में तलाक के एक मामले की सुनवाई के दौरान आवेदक की बेटियों ने अपनी ही मां के खिलाफ गवाही दी। जिसके बाद अदालत ने पति-पत्नी के तलाक पर मोहर लगा दी। दरअसल पति का कहना था कि उसकी पत्नी शादी के 16 साल बाद उसे छोड़कर चली गई थी और दूसरा विवाह भी कर लिया था, लेकिन विवाह विच्छेद की बात को हमेशा टालती आ रही थी।
बेटियों ने दी गवाही
इस मामले में मां ने अपना पक्ष मजबूत करने अदालत में तरह-तरह के तर्क रखे लेकिन बेटियों की गवाही भारी पड़ी। आवेदक मुन्नालाल की आशाबाई से दो बेटियां हुई थीं। लेकिन उसे छोड़कर जाने के बाद आशाबाई बेटियों की शादी तक में शामिल नहीं हुई थी। इस दौरान मुन्नालाल ने ही बेटियों की परवरिश की और उनका विवाह कराया। यह बात बेटियों ने अदालत को बताई। जिसके बाद अदालत ने विवाह विच्छेद का आदेश दिया है।
अपील में बताया गया कि मुन्नालाल का 12 मई 1980 को आशाबाई से विवाह हुआ था। 28 मार्च 1996 को वह बिना बताए घर छोड़कर चली गई थी। आवेदक को लगा कि वह मायके गई होगी लेकिन एक माह बाद पता चला कि वह रांझी इलाके में भूपत नामक व्यक्ति के साथ पत्नी की तरह रह रही है। मुन्नालाल ने आशाबाई को समझाया और घर चलने को भी कहा तो उसने बताया कि उसने भूपत से शादी कर ली है। लेकिन 20-25 साल बाद भी आशाबाई, आवेदक से विवाह विच्छेद को तैयार नहीं हो रही थी।