Jabalpur. एआईओसीडी (ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट) की लगातार मांग के डीसीजीआई ने ऑनलाइन फार्मेसी को शोकाज नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। एआईओसीडी ने इस फैसले का स्वागत किया है और कॉर्पोरेट घरानों द्वारा समर्थित अवैध ई फार्मेसीज के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की उम्मीद की है।
बढ़ गई थी नकली दवाओं की खपत
संगठन के अध्यक्ष जे एस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने बताया कि ई फार्मेसी के चलते छोटे और मझौले कैमिस्टों के सामने अस्तित्व का संकट तो खड़ा हो ही गया था, लेकिन ई फार्मेसी की आड़ में विज्ञापन के जरिए नकली दवाओं की खपत भी बढ़ चुकी थी। अवैध ऑनलाइन फार्मेसी के प्लेटफार्म विज्ञापन के जरिए ऐसी दवाएं भोले-भाले लोगों को बेच रहे थे।
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प्रतिबंधित दवाओं की हो रही बिक्री
उन्होंने बताया कि भारत का ड्रग अधिनियम, फार्मेसी अधिनियम और दवाओं से संबंधित अन्य नियम भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक दवाओं की बिक्री इंटरनेट के जरिए करने की अनुमति नहीं देते हैं। बावजूद इसके यह सब धड़ल्ले से जारी है। वहीं नारकोटिक ड्रग्स, प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन किट, एंटीबायोटिक्स, सेडेटिव ड्रग्स भी ऑनलाइन फार्मेसी के जरिए बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के लोगों को मुहैया कराए जा रहे हैं। जिसके खिलाफ संगठन ने लगातार आवाज उठाई। खुशी है कि डीसीजीआई कम से कम अवैध ई फर्मासिज पर कार्रवाई के लिए पहला कदम बढ़ा चुका है।
कड़ी कार्रवाई की उम्मीद
इधर जबलपुर केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव चंद्रेश जैन ने बताया कि डीसीजीआई ने ई फार्मेसी को नोटिस जारी कर 2 दिन का समय दिया है, इसके बाद सरकार उन पर कार्रवाई भी करेगी ऐसा सरकार ने कहा है। जैन ने कहा कि हम सरकार द्वारा किए गए इस कार्य का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। देश के 12 लाख केमिस्ट के साथ-साथ 4 करोड़ परिवारों का जीवन-यापन सुचारू ढंग से चले इस बात के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। उम्मीद है कि जनहित में सरकार ठोस कदम उठाएगी।