UJJAIN. महाकाल की नगरी उज्जैन में 8 अप्रैल, शनिवार की रात बीच सड़क पर एक युवक जलती हालत में चिल्लाता रहा, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। वह चिल्ला रहा था कि पुलिस ने मुझे जिंदा जला दिया है। गंभीर रूप से झुलसा युवक चिल्ला रहा था कि मुझे अस्पताल ले चलो... मुझे पुलिसवालों ने आग लगा दी है। उसकी हालत देख कुछ लोगों ने आगे आकर आग को बुझाया और उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। 9 अप्रैल, रविवार सुबह इंदौर में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। घटना कोयला फाटक इलाके में आगर रोड के गाड़ी अड्डा चौराहे की है। घटना का वीडियो भी सामने आया है। उधर, पुलिस का दावा है कि युवक ने खुद ही आग लगाई थी।
ट्रैप किए कॉन्स्टेबल का साथी रहा रवि
युवक की पहचान गांधीनगर निवासी आसिफ पेंटर के रूप में हुई। पुलिस के मुताबिक दो दिन पहले लोकायुक्त ने चिमनगंज थाने के कॉन्स्टेबल रवि कुशवाह को रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया था, यह युवक उसी का साथी था। आसिफ, आरोपी कॉन्स्टेबल के एजेंट के रूप में काम करता था। लोकायुक्त को इसकी तलाश थी।
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रिश्वत का पैसा लेने पर रवि के हाथ में लगा था रंग
दो दिन पहले कॉन्स्टेबल रवि को क्रिकेट के सटोरिए पर दबाव बनाकर रिश्वत लेते पकड़ा गया था, लेकिन तब उसने लोकायुक्त की टीम को आते देख दौड़ लगा दी थी। रिश्वत की रकम 25 हजार रुपए एजेंट को थमा दी थी। इसी दौरान लोकायुक्त ने पता लगा लिया था कि एजेंट का नाम आसिफ पेंटर है। रवि के हाथों में रंग लगा था, लिहाजा उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया था।
पहली पत्नी को छोड़ चुका था आसिफ
आसिफ ने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी को वह छोड़ चुका था। दूसरी पत्नी उसके साथ रहती थी। इससे उसके तीन बच्चे हैं। आसिफ पुलिस थाने में पेंटिंग और दलाली का काम करता था। इसी कारण उसके पुलिसकर्मियों से अच्छे संबंध थे। आरक्षक रवि कुशवाह के केस में पुलिस को शक था कि रिश्वत के 25 हजार रुपए रवि ने आसिफ को दे दिए थे, तभी से लोकायुक्त पुलिस आसिफ को खोज रही थी। पूछताछ के लिए आसिफ के घर भी पहुंची थी, लेकिन वह घर पर नहीं मिला था।