राज्य सेवा परीक्षा 2019 और 2021 के रिजल्ट के खिलाफ लगी याचिका पर सुनवाई पूरी, जबलपुर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
राज्य सेवा परीक्षा 2019 और 2021 के रिजल्ट के खिलाफ लगी याचिका पर सुनवाई पूरी, जबलपुर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र के आधार पर 87-13 फीसदी से जारी राज्य सेवा परीक्षा 2019 और 2021 के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हो पूरी हो गई है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट डबल बेंच ने ऑर्डर रिजर्व पर रख लिया है और आदेश कभी भी जारी हो सकता है।



मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका



याचिककर्ताओं द्वारा इस याचिका के साथ ही मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका भी दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि जब हाईकोर्ट पहले ही एक रिजल्ट जारी करने के लिए निर्देश दे चुका था, तब पीएससी ने मूल और प्रोवीजनल बनाकर 87-13 के नए फॉर्मूले से 2 टुकड़ों में रिजल्ट क्यों दिया।



याचिकाकर्ताओं के तर्क



याचिकाकर्ताओं के वकील रामेशवर ठाकुर ने द सूत्र से कहा कि रिजल्ट पूरे 100 फीसदी के आधार पर जारी करना था। इसी आधार पर हमने रिजल्ट को चैलेंज करते हुए याचिका दायर की है। जानकारी के अनुसार इस मामले में शासन की ओर से तर्क दिए गए कि ओबीसी आरक्षण का मामला लंबित है इसलिए 87 फीसदी की भर्ती इसके चलते प्रभावित नहीं होती है। इसलिए इस आधार पर मूल और प्रोवीजनल रिजल्ट बनाया गया है ताकि कम से कम 87 फीसदी की भर्ती अंतिम हो सके। रही बात 13 फीसदी पद की तो उस पर भर्ती ओबीसी आरक्षण को लेकर अंतिम फैसले के आधार पर हो सकेगी।



ये है 87-13 फीसदी का फॉर्मूला



सितंबर 2022 में सामान्य प्रशासन विभाग ने ये नया फॉर्मूला दिया था। ओबीसी को आरक्षण 14 फीसदी दिया जाए या 27 फीसदी ये मामला अभी कानूनी विवाद में है। इसे देखते हुए मध्यप्रदेश शासन ने ये रास्ता निकाला कि 87 फीसदी पदों को लेकर चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। बाकी 13 फीसदी पद पर इतने ही ओबीसी और इतने ही अनारक्षित दोनों वर्गों के उम्मीदवारों को लेकर आगे बढ़ा जाए और ये अभ्यर्थी मूल की जगह प्रोवीजनल रिजल्ट में रहेंगे। जब भी ओबीसी को लेकर अंतिम फैसला आएगा जैसे यदि ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी कर दिया तो फिर अनारक्षित वर्ग के 13 फीसदी को अयोग्य मानकर बाहर कर दिया जाएगा और 13 फीसदी ओबीसी को अंतिम चयन या चयन प्रक्रिया के अगले चरण में ले लिया जाएगा। यदि आरक्षण 14 फीसदी ही रहने दिया जाता है तो ओबीसी के 13 फीसदी को बाहर कर दिया जाएगा और अनारक्षित वर्ग को वो 13 फीसदी दे दिए जाएंगे। प्रोवीजनल रिजल्ट के आधार पर कोई भी उम्मीदवार अंतिम चयन के लिए दावा नहीं कर सकेगा।



ये खबर भी पढ़िए..



जानिए 2 बार खारिज होने के बाद अब फिर क्यों जोर पकड़ रही है भोपाल का नाम भोजपाल करने की मांग



इसी फॉर्मूले से आगे बढ़ रही दोनों की चयन प्रक्रिया



इसी फॉर्मूले के आधार पर पीएससी अपनी चयन प्रक्रिया आगे बढ़ा रहा है। राज्य सेवा परीक्षा 2019 की विशेष परीक्षा 15 से 20 अप्रैल में होने जा रही है, हाईकोर्ट ने अंतिम चयन 6 माह में करने के निर्देश दिए हुए हैं। वहीं राज्य सेवा परीक्षा 2021 के भी प्री रिजल्ट घोषित होने के बाद मेन्स परीक्षा की तारीख 17 से 22 जुलाई 2023 घोषित हो चुकी है। राज्य सेवा परीक्षा 2022 की प्री 21 मई 2023 को प्रस्तावित है।


MPPSC एमपीपीएससी State Service Examination 2019-2021 result Hearing on the petition completed Jabalpur High Court reserved the decision राज्य सेवा परीक्षा 2019 और 2021 रिजल्ट के खिलाफ लगी याचिका पर सुनवाई पूरी जबलपुर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला