मध्यप्रदेश में दीपक जोशी ने थामा हाथ, लेकिन पार्टी ने नहीं किया निष्कासित, वे अभी भी बीजेपी के सदस्य 

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Arun Dixit
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मध्यप्रदेश में दीपक जोशी ने थामा हाथ, लेकिन पार्टी ने नहीं किया निष्कासित, वे अभी भी बीजेपी के सदस्य 

BHOPAL. पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने बाजे-गाजे के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया। उनको प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। दीपक जोशी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खिलाफ मुखर भी हुए। कई गंभीर आरोप भी लगाए। इतना होने के बाद भी बीजेपी अभी तक दीपक जोशी के इस कदम पर मौन है। हैरानी की बात है कि घंटों बाद भी बीजेपी ने दीपक जोशी का निष्कासन नहीं किया। राजनीतिक गलियारों में इस सियासी घटनाक्रम पर अटकलें जोरों पर हैं। 



बीजेपी ने नहीं की निष्कासन की कार्यवाही



बीजेपी या उसके प्रमुख नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करने वाले अनुशासनात्मक कार्यवाही के दायरे में आते हैं। आमतौर पर ऐसे नेताओं पर पार्टी से निलंबन या निष्कासन की कार्यवाही की जाती हैं। लेकिन दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी बीजेपी ने उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कदम नहीं उठाया है यानी उनको पार्टी से निष्कासित नहीं किया गया है। और ऐसा तब है जबकि दीपक जोशी ने सीएम और वीडी शर्मा पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। इसके बाद भी पार्टी अभी तक मौन है। न दीपक जोशी के खिलाफ किसी ने कोई बयान दिया है और न ही उनको बाहर किया गया है। यानी दीपक अभी भी कांग्रेस के साथ बीजेपी के भी सदस्य हैं। 



बीजेपी को जोर का झटका जोर से लगा है 



इस पूरे सियासी घटनाक्रम से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। जानकार कहते हैं कि दीपक जोशी का कांग्रेस में शामिल होना बीजेपी के लिए बड़े ही जोर का झटका है। इसके पीछे कारण भी अहम है। वे कैलाश जोशी जैसे राजनीतिक संत के बेटे हैं। कैलाश जोशी न सिर्फ दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं बल्कि नौ बार विधायक और तीन बार सांसद भी रहे हैं। पार्टी में उनका बहुत बड़ा कदम माना जाता था और उनकी जरा सी नाराजगी पार्टी को फैसले बदलने पर मजबूर कर देती थी। 



बीजेपी के पार्टी विद डिफरेंस के नारे पर सवाल खड़े हो रहे



जानकार कहते हैं कि चुनावी साल में दीपक जोशी का बीजेपी से जाना पार्टी की छवि पर असर डालता है। इतना ही नहीं पार्टी विद डिफरेंस का नारा देने वाली बीजेपी की कार्यप्रणाली पर सवाल भी खड़े होते हैं। ये सारी बातें चुनाव में बड़ा असर डाल सकती हैं। पार्टी इनके डैमेज कंट्रोल की रणनीति पर जरूर काम कर रही होगी और यही कारण है कि ये फैसला लेने में देरी हो रही है। पार्टी के नेता कहते हैं कि इस बारे में विचार चल रहा है जल्दी ही निर्णय लेंगे।


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