BHOPAL. मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी ने ये खुलासा किया है कि वे 6 मई को कांग्रेस का हाथ थामने वाले हैं। अब ये बात बिलकुल साफ हो चुकी है। हर किसी को लग रहा है कि दीपक जोशी अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं, इसलिए वो कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, लेकिन दीपक जोशी ने कहा कि वो केवल पिता के सम्मान के लिए पार्टी बदल रहे हैं। द सूत्र से बातचीत में दीपक जोशी ने सीएम शिवराज को भी जमकर खरी खोटी सुनाई है। द सूत्र के मैनेजिंग एडिटर हरीश दिवेकर और दीपक जोशी के बीच ये बातचीत हुई।
हरीश दिवेकर - अभी आप अपने फैसले पर कायम है कि नहीं?
दीपक जोशी - सवाल ही पैदा नहीं होता, मैं क्यों बदलूंगा। राजनीति छोड़ दूंगा मगर फैसला नहीं बदलूंगा। सवाल ही नहीं, ये मेरे पिता का मामला है। मुझे न टिकट चाहिए न पद चाहिए, ना ही गाड़ी-घोड़ा।
हरीश दिवेकर - ये क्या आपके स्वाभिमान की लड़ाई है?
दीपक जोशी - मेरे नहीं मेरे पिता के स्वाभिमान का मामला है। पिताजी का निधन हुआ तो कमलनाथ मुख्यमंत्री थे। हमने स्मारक बनाने का प्रस्ताव रखा। कमलनाथ ने कहा जगह बताइए स्मारक बनवा देंगे। जगह तय की और कमलनाथ ने 3-3 मंत्रियों को भेज दिया। मंत्रियों ने कहा कि आप चिंता मत कीजिए फ्यूनरल की भी अच्छी व्यवस्था करेंगे और सरकार की तरफ से अच्छी व्यवस्था की गई। 30 महीने हो गए शिवराज जी ने ढाई करोड़ का स्मारक नहीं बनवाया। 15 महीने की कांग्रेस सरकार में शिवराज जी को अपना बंगला छोटा लगा तो उन्होंने उस पर 8 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। ये तरीका ठीक नहीं है। हमने कहा कि कैलाश जोशी भोपाल के सांसद रहे हैं तो उनके नाम से संस्थानों का नामकरण कर दीजिए। वो भी आज तक नहीं किया। अब हमको चाहिए क्या, कुछ नहीं।
हरीश दिवेकर - क्या आपने अपनी पीड़ा बताई?
दीपक जोशी - बताई, लेकिन ढाक के तीन पात।
हरीश दिवेकर - सीएम ने आपसे बात की या नहीं?
दीपक जोशी - बात की, 2 बार की, बोले आ जाओ बैठकर बात करेंगे। मैं समझ गया लॉलीपॉप के अलावा कुछ नहीं दे रहे।
हरीश दिवेकर - आपको बीजेपी के किस नेता ने क्या ऑफर दिया?
दीपक जोशी - संघ के एक नेता आए थे मुरलीधर राव का ऑफर लेकर कि राज्यसभा सदस्य बना देंगे और कहा कि जामवाल जी से बात कर लो, लेकिन मैंने बात नहीं की।
6 मई को कांग्रेस का हाथ थामेंगे दीपक जोशी
दीपक जोशी के इस खुलासे के बाद ये साफ हो गया है कि वे 6 मई को कांग्रेस जॉइन करने वाले हैं। वे किसी भी कीमत पर अपना फैसला नहीं बदलेंगे, क्योंकि ये उनके पिता के सम्मान और स्वाभिमान की बात है। दीपक जोशी ने कहा था कि जो सहयोग देगा, वे उसके साथ जाएंगे।