NEW DELHI/BHOPAL. दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आज (29 मई, सोमवार) मध्य प्रदेश कांग्रेस नेताओं की बड़ी बैठक हुई। इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने कई नेताओं से मुलाकात की। बैठक के बाद राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में बंपर जीत का ऐलान कर दिया।
राहुल गांधी बोले- एमपी में 150 सीटों पर जीतेंगे
राहुल गांधी ने कहा- अभी मीटिंग में लंबा डिस्कशन हुआ। कर्नाटक में हमें 136 सीटें मिलीं। हमारा इंटरनल असेसमेंट है कि हम मध्य प्रदेश में 150 सीटें जीत रहे हैं। मध्य प्रदेश में कर्नाटक की जीत को रिपीट कर रहे हैं। पत्रकारों ने सवाल पूछा कि क्या मध्य प्रदेश में कमलनाथ मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, इस पर राहुल ने कहा- भैया, मध्य प्रदेश में 150 सीटें आने वाली हैं।
#WATCH | We had a detailed meeting right now and our internal assessment says that since we got 136 seats in Karnataka, we are now going to get 150 seats in Madhya Pradesh: Congress leader Rahul Gandhi pic.twitter.com/9rQgiJBumY
— ANI (@ANI) May 29, 2023
मध्य प्रदेश के कई दिग्गज कांग्रेस नेता हुए शामिल
दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में मध्य प्रदेश के जो नेता शामिल हुए, उनमें प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह, राजमणि पटेल, अरुण यादव और विवेक तन्खा हैं। इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में विधानभा चुनाव हैं।
राहुल के बयान पर वीडी बोले- इस बार बीजेपी 200 सीट पार
राहुल के 150 सीट जीतने के बयान पर एमपी बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा- राहुल गांधी मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। मध्य प्रदेश की सीमा से गुजरात लगता है, जहां बीजेपी ने 182 में से 156 सीटें जीतकर और 53% वोट लाकर इतिहास बनाया और कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई। उत्तर प्रदेश की बॉर्डर पर आप नेस्तनाबूत हो गए। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गरीब कल्याण की योजनाएं, विकास का मॉडल ये हमारी ताकत है। बीजेपी संगठन का एक-एक कार्यकर्ता तैयार बैठा है। 2003 से पहले मिस्टर बंटाधार (दिग्विजय सिंह) के नेतृत्व में आपने प्रदेश को बीमारू राज्य बनाया था। 15 महीने की कमलनाथ की सरकार ने योजनाओं को बंद किया था। इस बार बीजेपी का 200 सीट पार का नारा साकार रूप लेगा। जो आपने (कांग्रेस ने) झूठ बोला था, जनता उसका जवाब देगी। मध्य प्रदेश की जनता कांग्रेस को कई बार आईना दिखा चुकी है।
इस पर हुई चर्चा
चुनावी रणनीति, नेताओं में आपसी समन्वय और टिकट बंटवारा।
राहुल का कांग्रेस नेताओं को मंत्र
बैठक में राहुल गांधी ने मप्र के नेताओं से कहा कि सभी को एक होकर चलना है। नेताओं के अलग-अलग सुर नहीं आने चाहिए। कमलनाथ के नेतृत्व में सबको एक होकर चुनाव लड़ना है। सर्वे के साथ स्थानीय नेताओं की राय को भी टिकट में प्राथमिकता देना है। आक्रामकता के साथ महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आना है। बीजेपी की विचारधारा को हराने के लिए एकजुटता से पूरी ताकत लगाना है।
कमलनाथ के ये वादे
बैठक में कमलनाथ प्रदेश में चुनावी तैयारी को लेकर जानकारी दी। कर्नाटक की जीत से उत्साहित कांग्रेस प्रदेश में इसी मॉडल से चुनाव लड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस, बीजेपी की 18 साल की सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दे को घेरने के अलावा लोकलुभावन वादों से वोटरों को साधेगी। इसमें नारी सम्मान योजना (जिसमें महिलाओं को हर महीने 1500 रु) और 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा किया है। कांग्रेस ने 100 यूनिट बिजली माफ और 200 यूनिट के बाद आधा बिजली बिल माफी की बात कही है। साथ ही किसानों की कर्ज माफी, ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने समेत अन्य वादे शामिल है।
एमपी में कांग्रेस लंबे समय से सत्ता से बाहर
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 10 साल (1993-2003) के शासन में दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री रहे थे। 2003 के बाद से लगातार बीजेपी सत्ता में है। इस बीच, केवल 15 महीने के लिए कांग्रेस सत्ता में आई। 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया कई विधायकों को लेकर बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिसके बाद फिर एमपी में बीजेपी की सरकार बन गई। 2003 चुनाव से लेकर 2018 चुनाव तक दोनों पार्टियों को मिली सीटें...
साल |
2020 में सिंधिया 28 कांग्रेस विधायकों को लेकर बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद उपचुनाव हुए। इसमें बीजेपी को 127 और कांग्रेस को 96 सीटें मिलीं।