बीपी गोस्वामी, RAJGARH. राजगढ़ में गोरखपुरा बांध बनाने में कई किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई। मुआवजा देने में धांधली के आरोप लगे हैं। किसानों का कहना है कि मुआवजा बांटने में सांठगांठ की गई है। जिन लोगों की जमीन नहीं डूबी उन्हें मुआवजा मिल गया है और जिनकी जमीन डूबी है वे आज भी भटक रहे हैं।
पटवारियों पर आरोप
2010 में राजगढ़ से 10 किलोमीटर गोरखपुरा बांध बनाया गया। ये बांध ककेन नदी पर बनाया गया। किसानों ने मुआवजा बांटने में पटवारियों पर धांधली के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि राजस्व और सिंचाई विभाग ने सांठगांठ करके ऐसे किसानों को लाखों रुपए का भुगतान कर दिया, जिनकी जमीन डूबी नहीं थीं।
कई हकदारों को किया बेदखल
पटवारियों ने कुछ किसानों को राजनीतिक दखल और अधिकारियों को गलत जानकारी देकर मुआवजे से वंचित कर दिया। जबकि इन किसानों की जमीन बांध निर्माण में डूबी थी। 4 किसानों के बेदखल का मामला तत्कालीन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के संज्ञान में आते ही उन्होंने बांध का निरीक्षण किया और लापरवाही पर तुरंत एक्शन लेकर उनका शीघ्र अवॉर्ड बनवाने के निर्देश दिए, लेकिन पटवारियों ने इसमें 4 किसानों के साथ-साथ इस अवॉर्ड में ऐसे किसानों को भी भुगतान के लिए मार्क कर लिया था जिनकी जमीन डूबी नहीं थीं।
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पीड़ित किसानों ने नायब तहसीलदार से की शिकायत
इस पूरे मामले को लेकर करेड़ी के अमृतलाल और बीरम वर्मा ने नायब तहसीलदार से शिकायत की और उन्हें जरूरी दस्तावेज सौंपे। तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि वे किसानों का नुकसान नहीं होने देंगे। जल्द ही उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा।