GUNA. गुना में नारायणपुरा शक्कर कारखाना चालू करो संघर्ष समिति द्वारा कारखाने को पुनः शुरू करने के लिए राघौगढ़ तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में मांग की गई कि किसानों-कर्मचारियों की बकाया राशि का भुगतान किया जाए और किसानों को खाद-बीज, बिजली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए। समिति के सदस्यों ने बताया कि पिछले 4-5 सालों से शक्कर कारखाना बंद पड़ा हुआ है। शक्कर कारखाने से जुड़े किसानों और कर्मचारियों की आय के साधन बंद हो गए। कारखाना जब चालू था, तब गन्ने की फसल से किसानों को अच्छा लाभ मिलता था।
किसानों की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ी
जनता की भलाई के लिए सरकार द्वारा इस कारखाने को शुरू किया गया था लेकिन घाटे में होने का हवाला देकर इसे बंद कर दिया गया, जो कि क्षेत्र की जनता, किसानों और मजदूरों के लिए एक प्रकार का धोखा है। उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से सोयाबीन, चना, मक्का, उड़द जैसी तमाम फसलें बर्बाद हो रहीं हैं, जिसके कारण किसानों की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। वे लगातार कर्ज में डूब रहे हैं।
शक्कर कारखाने के चालू होने से गन्ने की फसल उगाना किसानों के लिए आसान होता था। गन्ने की फसल प्राकृतिक प्रतिकूलता में भी खराब न होने वाली फसल है। साथ ही अभी तक ऐसे किसान और कर्मचारी हैं, जिनका पूर्व की बकाया राशि का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है, जिसे तुरंत करना चाहिए।
किसानों को खाद बीज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा
समिति के लोगों ने आगे बताया कि किसानों के लिए न तो पर्याप्त बिजली मिल रही है और न ही खाद-बीज। किसान हर जगह शोषण का शिकार हो रहे हैं। कुंभराज में एक किसान की खाद की लाइन में लगने से हुई मौत इस बात का खुलासा करती है कि किसानों को खाद बीज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। ऐसे समय में देश के अन्नदाता किसान की भलाई के लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। ज्ञापन में बड़ी संख्या में किसान साथी शामिल हुए।
शक्कर कारखाना चालू करो संघर्ष समिति के बैनर तले राघौगढ़ तहसीलदार संतोष धाकड़ को सौंपे गए ज्ञापन की प्रमुख मांगें
- नारायणपुरा स्थित बंद पड़े शक्कर कारखाने से संबंधित दस्तावेजों की जांच कराकर उसे पुनः शुरू करवाया जाए।