INDORE. वेतन वृद्धि सहित कई मांगों को लेकर सोमवार, 3 अप्रैल को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने इंदौर में जंगी प्रदर्शन किया। जिससे करीब एक घंटे तक कलेक्ट्रेट तिराहे पर ट्रैफिक जाम रहा। इस दौरान वाहन चालक समेत आम लोग परेशान होते रहे। इस बीच उनकी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से बहस भी हुई। इस प्रदर्शन से हुए चक्काजाम पर कलेक्टर इलैया राजा टी ने नाराजी जताई और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि तुम लोगों के खिलाफ एफआईआर होना चाहिए।
पुलिस से हुई जमकर झड़प
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने वेतन वृद्धि सहित कई मांगों को लेकर 15 दिनों से इंदौर में विरोध प्रदर्शनकर रहीं हैं। सोमवार को उन्होंने कलेक्ट्रेट तिराहे पर चक्काजाम कर दिया। महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें हटाने की कोशिश की, लेकिन वे हटने को तैयार नहीं थीं। यहां उन्होंने मानव शृंखला बनाई। इससे ट्रैफिक जाम हो गया। समझाइश देने पहुंची पुलिस से भी बहस की। इनकी मांगें है कि कई जिलों में तानाशाही कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, उन्हें वापस लिया जाए। हमें न्यूनतम वेतन दिया जाए, नियमितिकरण किया जाए। सेवा निवृत्ति पर एक मुश्त राशि और ग्रेजुएटी दी जाए। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों द्वारा हमसे जो काम लिया जाता है। उसका सम्मानपूर्वक मानदेय दिया जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि शासन-प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाया रहा है। हमने कई बार कलेक्टर से मिलने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मिले।
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ट्रैफिक जाम से लोग होते रहे परेशान
कलेक्ट्रेट चौराहे पर ट्रैफिक जाम होने से वाहन चालकों ने भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर गुस्सा जाहिर किया। इसे लेकर भी दोनों पक्षों में खूब नोकझोंक हुई। करीब एक घंटे नारेबाजी के साथ प्रदर्शन चलता रहा। इस दौरान एक एम्बुलेंस को भी रोका गया, लेकिन फिर समझाइश के बाद उसे रास्ता दिया गया। जबकि अन्य वाहन चालक परेशान होते रहे। कुछ समय बाद इस बात पर सहमति बनी कि कुछ-कुछ कार्यकर्ता कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी मांगें रखेंगी। इसके बाद इनका प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर इलैया राजा टी से मिला। तो उन्होंने नाराज होते हुए कहा कि इस तरह से प्रदर्शन करने से ट्रैफिक बाधित हुआ है और लोगों को परेशान होना पड़ा। आंदोलन का यह तरीका ठीक नहीं है। ऐसे कदम उठाने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जानी चाहिए