दमोह में रिश्वत लेते पकड़ी गई उप पंजीयक और साथी कर्मचारी को कोर्ट ने सुनाई 4-4 साल की सजा, मूल रजिस्ट्री के एवज में मांगे थे 8000 

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Rajeev Upadhyay
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दमोह में रिश्वत लेते पकड़ी गई उप पंजीयक और साथी कर्मचारी को कोर्ट ने सुनाई 4-4 साल की सजा, मूल रजिस्ट्री के एवज में मांगे थे 8000 

Damoh. दमोह में सात साल पहले आठ हजार की रिश्वत लेते पकड़ी गई उपपंजीयक कमला सैनी एवं सहायक ग्रेड 2 सीताराम साहू को भ्रष्टाचार के मामले में न्यायालय ने चार-चार की सजा और जुर्माना से दंडित किया है। आरोपियों को सजा सुनाए जाने के बाद जेल भेज दिया गया है।  विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम डॉ आरती शुक्‍ला पांडे द्वारा यह फैसला सुनाया गया है। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक अनंत सिंह ठाकुर द्वारा की गई।





इस मामले में दो आरोपी  बनाए गए थे जिसमें तत्‍कालीन उपपंजीयक जिला दमोह कमला पति संतोष कुमार सैनी 59 वर्ष निवासी सिविल वार्ड नंबर 8 दमोह और तत्कालीन सहायक ग्रेड 2 उपपंजीयक कार्यालय दमोह सीताराम पिता स्व. रामप्रसाद साहू शामिल हैं। उप पंजीयक कमला सैनी को  धारा 7 एवं 13(1)(घ)(1) सहपठित धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 जुर्माना एवं आरोपी सीताराम साहू को धारा 12 एवं 13(1)(घ)(1) सहपठित धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 का जुर्माना लगाया गया।







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    घटना के अनुसार 23 सितंबर 2016 को प्रार्थी पंकज पिता विष्णु नारायण जायसवाल निवासी वैशाली नगर एसएच-14  जिला दमोह द्वारा लोकायुक्त कार्यालय सागर में उपस्थित होकर एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें बताया गया था कि प्रशांत जायसवाल ने एक भूखंड नाबालिक पुत्र प्रणय के नाम से क्रय किया है। जिसकी रजिस्ट्री उप पंजीयक कार्यालय दमोह से हुई है एवं रजिस्ट्री की मूल प्रति उप पंजीयक कमला सैनी ने अपने पास रख ली है। जिसे देने के एवज में उप पंजीयक कमला सैनी के द्वारा 8000 रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है। आवेदक रिश्वत नही देना चाहता था, बल्कि उसे रिश्वत लेते हुये रंगे हाथो पकड़वाना चाहता था। 





    प्रार्थी के उक्त लिखित आवेदन पत्र प्राप्त होने पर विधिवत तस्दीक की प्रक्रियांतर्गत प्रार्थी को रिश्वत की वार्तालाप टेप करने के लिए  दिनांक 23 सितंबर 2016 को ही एक वाईस रिकार्डर दिया गया जिसमें प्रार्थी द्वारा अनावेदिका से संपर्क कर रिश्वत मांग संबंधी बातचीत को रिकार्ड किया गया। जिसमें आरोपी 8000 रुपये की रिश्वत राशि लेने सहमत हुई। जिस पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा ट्रैप दल का गठन कर 24 सितंबर को तत्कालीन उपपंजीयक कमला सैनी एवं सीताराम साहू सहायक ग्रेड 02 को आवेदक से  8000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।



     



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