जेलों में चल रहा भक्ति का दौर, नवरात्र-रमजान के चलते कम बन रहा खाना, फलाहार और सहरी-अफ्तार के इंतजाम ज्यादा

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Rajeev Upadhyay
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जेलों में चल रहा भक्ति का दौर, नवरात्र-रमजान के चलते कम बन रहा खाना, फलाहार और सहरी-अफ्तार के इंतजाम ज्यादा

Ujjain/Jabalpur. इन दिनों चैत्र नवरात्र और रमजान करीब-करीब साथ पड़ रहे हैं, जिसके चलते जेलों में कैदी भी भक्तिभाव में डूबे हुए हैं। अभी नवरात्र के चलते जेल में ज्यादातर कैदी उपवास रख रहे हैं। रमजान की शुरूआत के साथ ही रोजेदार कैदी रोजा रखना शुरू कर देंगे। जिसके चलते जेलों में आम दिनों के मुकाबले कम खाना बनाया जा रहा है। अलबत्ता फलाहार और सहरी का इंतजाम कराया जा रहा है। 



उज्जैन की केंद्रीय जेल में 2341 बंदी मौजूद हैं। जेल के डिप्टी जेलर सुरेश गोयल ने बताया कि उज्जैन जेल में 519 कैदियों ने व्रत रखा है। उनके लिए जेल प्रशासन अलग इंतजाम करके रखा है। वहीं रमजान की शुरुआत के साथ ही रोजेदार कैदियों के लिए भी अलग व्यवस्था रखी जाएगी। 



जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल में भी आस्था की बयार बह रही है। यहां के जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में करीब 3 हजार कैदी मौजूद हैं जिनमें से 570 कैदी नवरात्र का उपवास रख रहे हैं। रमजान की शुरूआत के साथ ही रोजेदार कैदियों की भी तादाद बढ़ेगी। सभी कैदी पूरे 30 रोजे नहीं रखते, इसलिए उनकी संख्या बताना मुश्किल है। जबलपुर जेल में भी कैदियों के लिए फलाहार और रोजेदारों के लिए सहरी-अफ्तार के इंतजाम किए जा रहे हैं। 




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    डिप्टी जेलर के मुताबिक, वर्तमान में केंद्रीय जेल भेरूगढ़ में बंदियों को मूंगफली के दाने, गुड़, साबूदाने की खिचड़ी, फल आदि दिया जा रहा है। जेल के अंदर पद्मावती माता मंदिर के दर्शन करने और पूजा अर्चना करने के लिए भी बंदियों का आवागमन होता है। वे निर्धारित समय में माता की आराधना भी करते हैं। जेल में बंद केवल साधारण अपराधी ही नहीं बल्कि कई कुख्यात अपराधी भी देवी के भक्त हैं। माता की भक्ति में डूबे कई कुख्यात अपराधी खुद को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और पश्चाताप करने के चलते व्रत रखते हैं। उन्होंने बताया कि कुख्यात अपराधी तुषार पर 3 हत्याओं का आरोप है, वह भी उपवास रखे हुए है। 




    जेल मैनुअल के अनुसार मिलता है समय

    जेल में बंद आरोपियों को जेल मैनुअल के अनुसार भोजन करने फलाहार करने के साथ-साथ प्रार्थना करने के लिए अलग से वक्त मिलता है। वर्तमान समय में उपवास रखने वाले बंदियों को चाय, फल, मूंगफली के दाने आदि स्वल्पाहार के रूप में दिए जा रहे हैं। वहीं पूजा-पाठ के लिए सामग्री भी उपलब्ध करा दी जाती है। 


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