BHOPAL. केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा में दिए गए जवाब से यह साफ हो गया है कि देवास जिले के चापड़ा में ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाए जाने का दावा अभी तक प्रदेश सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री के भाषणों में ही किया जा रहा था। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजा गया है। अब ये हकीकत भी सामने आ रही है कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रोजेक्ट बनाने के अति उत्साह में मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआईडीसी) के अफसरों ने केंद्र सरकार के ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए निर्धारित मापदंडों को भी नजरअंदाज किया है। इतना ही एविएशन कंसल्टेंट से प्रोजेक्ट की सर्वे रिपोर्ट तैयार कराने के लिए सरकार के खजाने से 47 लाख रुपए का भुगतान भी किया गया है।
सीएम शिवराज ने भी किया था चापड़ा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का ऐलान
जानकारों का कहना है कि देवास के चापड़ा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रोजेक्ट अटकने से इंदौर-भोपाल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के प्रस्ताव पर भी संकट आ सकता है। जबकि खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पिछले साल 27 सितंबर 2022 को देवास शहर के गौरव दिवस समारोह में चापड़ा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नए इंडस्ट्रियल क्लस्टर, फिल्म सिटी और सेटेलाइट टाउनशिप बनाने का ऐलान किया था। उन्होंने मंच से खड़े होकर कहा था कि आने वाले दस साल में देवास की गिनती दुनिया के प्रमुख शहरों में होने लगेगी। बता दें कि 2019 में प्रदेश में कांग्रेस की कलमनाथ सरकार ने इंदौर-भोपाल के बीच इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रस्ताव बनाया था। इसके तहत एयरपोर्ट के लिए दिसंबर 2019 तक अपेक्षित जमीन का अधिग्रहण कर मार्च 2020 तक टेंडर और जून तक एजेंसी तय करना निर्धारित हुआ था। इस प्रोजेक्ट को तीन साल में 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य था। इस प्रोजेक्ट पर कुल 5 हजार 435 करोड़ रुपए खर्च होने थे।
प्रोजेक्ट को लेकर ये दावा करती रही है सरकार
प्रदेश सरकार ये दावा करती रही है कि देवास जिले में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा। यह एयरपोर्ट दो प्रमुख शहरों भोपाल और इंदौर के बीच बनेगा। यहां यात्री विमानों के साथ कार्गो और लॉजिस्टिक हब सेवा भी मिलेगी। इससे देशभर के लिए एअर कनेक्टिविटी बढ़ेगी और रोजगार के भी लाखों अवसर भी बढ़ेंगे। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसके लिए जरूरी टेक्निकल अप्रूवल जारी किया गया है। एयरपोर्ट निर्माण के लिए जल्द ही 6 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। बताया जा रहा है कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रोजेक्ट अटकने का असर इन सभी प्रोजेक्ट पर भी पड़ सकता है।
एमपीआईडीसी से लेकर मंत्री तक ने साधी चुप्पी
मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआईडीसी) ने खुद एविएशन एक्सपर्ट को प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट बनाने के लिए नियुक्त किया था। कंसल्टेंसी फर्म ने चापड़ा और अन्य दो लोकेशन का सर्वे कर रिपोर्ट बनाई थी। एमपीआईडीसी के सूत्रों के मुताबिक इस सर्वे के लिए 47 लाख रुपए का भुगतान भी किया गया। जानकारों के मुताबिक यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्धारित पैरामीटर में आता ही नहीं है, क्योंकि देवास के पास ही इंदौर एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा है। इसी के चलते यह एयरपोर्ट कस्टम क्लीयरेंस के लिए शेड्यूल हवाई अड्डे की सूची में भी शामिल है। लेकिन सर्वे कराने से पहले इन महत्वपूर्ण तथ्यों को नजर अंदाज कर दिया गया। हालांकि इस बारे में एमपीआईडीसी इंदौर का कोई अधिकारी और न ही सर्वे रिपोर्ट बनाने वाली फर्म के एविएशन एक्सपर्ट मनीष सिन्हा कुछ बोलने का तैयार हैं। द सूत्र ने इन सवालों के बारे में प्रदेश सरकार के औद्योगिक नीति एवं निवेष संवर्धन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव से कई बार बात करने की प्रयास किया, लेकिन वो उपलब्ध नहीं हो पाए। उन्होंने इस बारे एसएमएस के जरिए गए भेजे गए सवालों का जवाब भी नहीं दिया।
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बारे में कब- क्या हुआ
- प्रदेश में 2029 में कांग्रेस की कलमनाथ सरकार के समय इंदौर-भोपाल के बीच इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रस्ताव बना था। दिसंबर 2019 तक अधिग्रहण पूरा कर मार्च 2020 में टेंडर कर जून तक एजेंसी तय कर प्रोजेक्ट को तीन साल में 2023 तक पूरा करने का प्रोजेक्ट था, कुल खर्च 5435 करोड़ खर्च होने थे।
सिंधिया ने बताया, मप्र में इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के विकास का कोई प्रस्ताव नहीं मिला
सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले दिनों राज्यसभा में कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा के सवाल के जवाब में बताया कि केंद्र सरकार को अब तक ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा नीति के तहत मप्र में अंतर्राष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा विकसित किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। उन्होंने लिखित जवाब में बताया था कि भारत सरकार ने ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा नीति, 2008 तैयार की है। इसमें देशभर में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश और प्रक्रियाओं का विवरण दिया गया है। ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा नीति के अंतर्गत, ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की स्थापना के इच्छुक परियोजना प्रस्तावक या संबंधित राज्य सरकार को निर्धारित प्रारूप में अपना प्रस्ताव नागरिक विमानन मंत्रालय को देना होता है। इसके लिए दो चरणों की अनुमोदन प्रक्रिया अर्थात् स्थल अनापत्ति एवं उसके बाद सैद्धांतिक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करना होता है। सिंधिया ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को अब तक ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा नीति के अनुसार मध्य प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय ग्रीनफील्ड एयपोर्ट विकसित किए जाने के बारे में कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। इंदौर हवाई अड्डे को कस्टम ड्यूटी के लिए अधिसूचित हवाई अड्डे के रूप में घोषित किया गया है और यहां से वर्तमान में दुबई के लिए अंतर्राष्ट्रीय उड़ान का संचालन किया जा रहा है।