MUMBAI. बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार साईं बाबा को लेकर दिए गए उनके विवादित बयान से नाराज आमजन और राजनेता विवाद में कूद गए हैं। औरंगाबाद से एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि साईं बाबा पर पंड़ित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान से करोड़ों भक्त की भावनाएं आह्त हुई हैं। इनके खिलाफ उचित कार्रवाई होना चाहिए।
बाबाओं का भविष्य का सभी को पता है
महाराष्ट्र के औरंगाबाद से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सांसद इम्तियाज जलील ने भी साईं बाबा विवाद पर बयान देते हुए कहा, 'साईं बाबा के करोड़ों भक्त हैं। उनको लेकर इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। सांसद ने कहा कि इसके लिए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे कई बाबा चर्चा में बने रहते हैं। इन बाबाओं का भविष्य में क्या होता है वह सभी को पता है।
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साईं पर अपना रुख साफ करे सरकार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा साईं बाबा को लेकर दिए गए विवादित बयान पर शिंदे-फडणवीस सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सभी को महापुरुषों के अपमान करने के लिए आमंत्रण दिया जा रहा है। महाराष्ट्र की सरकार ने यह साफ कर दिया है कि आपको महाराष्ट्र में जो बोलना है, जिसके बारे में बोलना है, वो आप बोल सकते हैं। हम आपको कुछ नहीं कहेंगे। हम नपुंसक हैं। आपको कुछ नहीं करेंगे। जिन्होंने बागेश्वर बाबा को यहां बुलाया था वह अब साईं बाबा के विषय में अपना रुख साफ करें। साईं बाबा को लेकर इस तरह के विवादित बयान देने वाला यह दूसरा व्यक्ति है। इससे पहले आचार्य शंकराचार्य नाम से किसी व्यक्ति ने साईं बाबा को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
मुंबई में लगे बागेश्वर दरबार में आए डॉक्टर शैलेंद्र राजपूत नाम के एक भक्त ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री से पूछा था कि, 'बहुत सारे लोग हमारे देश में साईं भक्त हैं, लेकिन सनातन धर्म साईं की पूजा को नकारता सा दिखता है। जबकि साईं की पूजा सनातन पद्धति से ही होती है। तो आप इस पर प्रकाश डालें। जवाब में बागेश्वर धाम सरकार ने कहा था कि, हमारे धर्म के शंकराचार्य जी ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया। शंकराचार्य की बात मानना हर सनातनी का धर्म है क्योंकि वो अपने धर्म के प्रधानमंत्री हैं। और कोई संत चाहे वो हमारे धर्म के तुलसीदास हों या सूरदास हों, वो संत हैं... भगवान नहीं हैं। बाकी सबकी अपनी आस्था है। पर इतना कह सकते हैं कि साईं बाबा संत हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं हैं। अब आपने कहा कि वैदिक धर्म से उनकी पूजा होती है तो देखो भाई, गिदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। भगवान, भगवान हैं और संत, संत हैं। साईं के प्रति मेरा क्या आदर है इसमें आप मत पड़ना। बस इस टिप्पणी के बाद से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर बाईं भक्त और कई राजनेत नाराज चल रहे हैं।