CHHATARPUR. बुंदेलखंड इलाके के टपरियन, बनापुर, चितौरा और बम्हौरी समेत दूसरे गांवों से ईसाई धर्म अपना चुके लोग 19 फरवरी, रविवार को छतरपुर जिले के गढ़ा गांव स्थित बागेश्वर धाम में पहुंचे। हिंदू जागरण मंच के लोग इन लोगों को बागेश्वर धाम लेकर पहुंचे थे। धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में 220 लोगों को पीली पट्टिका पहनाकर सनातन धर्म में वापसी कराई। शास्त्री का दावा है कि खुद लोगों ने अपनी मर्जी से सनातन धर्म में वापसी की है।
हम किसी भी पंथ के विरोधी नहीं, लेकिन...
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस अवसर पर कहा कि भूल सबसे होती है। आप लोगों से यही प्रार्थना है कि शनिवार-मंगलवार हनुमान मंदिर जाना शुरू करें। हम किसी भी पंथ के विरोधी नहीं, लेकिन सनातन धर्म से कट्टर हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे लोकप्रियता नहीं चाहिए। हमें रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ और भारत को हिन्दू राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि आशीर्वाद के अलावा कोई भी राजनीतिक पार्टी हमसे कोई मत करना।
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लोगों ने कहा- मिशनरियों ने किया धोखा
हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने बताया कि इनमें से कई लोग मिशनरियों के संपर्क में आकर ईसाई बन गए थे और चर्च जाने लगे थे। बागेश्वर धाम में चल रहे धार्मिक आयोजन के आखिरी दिन बड़ी संख्या में लोगों की घर वापसी कराई गई।
ईसाई से हिंदू धर्म ने वापसी करने वालों ने बताया कि हम मिशनरी के लालच और प्रलोभन में ईसाई बन गए थे, लेकिन मिशनरियों ने घर देने का जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया। अब वह सनातन धर्म में वापस अपनी मर्जी से आए हैं।
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