BHOPAL. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच सोशल मीडिया वॉर हुई थी। अब इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भी एंट्री हो गई है। सिंह ने ट्वीट किया कि गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहकर, सारे पद पाकर, सत्ता का सुख भोगकर कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं। यह भी लिखा है कि 'इन्हें गद्दार नहीं तो और क्या कहें?'
“ग़ुलाम नबी आज़ाद जब हमारे साथ थे तो आज़ाद थे। हम उन्हें नबी बनाना चाहते थे लेकिन अब कांग्रेस छोड़ कर वे भाजपा के ग़ुलाम हो गए”।
-श्री मल्लीकार्जून खड़गे
आपने सही कहा खड़गे जी। कांग्रेस के एक एक कांग्रेस के कार्यकर्ता के मन की बात कही है। @kharge @INCIndia
— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 6, 2023
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केंद्रीय मंत्री जयराम और सिंधिया में हुआ था ट्वीट वार
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने हाल ही में ट्वीट करते हुए लिखा था, 'इतिहास की कोई भी किताब उठा लीजिए। 1857 में झांसी की रानी के साथ गद्दारी के मुद्दे पर सभी इतिहासकार एकमत हैं। उन्होंने यह भी लिखा, आपके नए भगवान सावरकर ने भी अपनी किताब '1857 का स्ववतंत्र समर' में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे आदि के बारे में जिक्र किया है। इस मामले में जयराम रमेश ने सीधे तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने की कोशिश की थी। दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी 1857 के वीर शहीद तात्या टोपे के वंशज पराग टोपे की लिखी किताब का हवाला देते हुए कहा, 'मराठा, सिंधिया, पेशवा और झांसी के नेवालकर अंग्रेजों के विरुद्ध एक साथ थे। इस दौरान उन्होंने किताब 'ऑपरेशन रेड लोटस' का भी जिक्र किया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी पर बोला था हमला
मानहानि केस में सजा के बाद राहुल गांधी की सांसदी रद्द हो गई है। इसको लेकर सिंधिया ने राहुल गांधी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने अपनी व्यक्तिगत कानूनी लड़ाई को लोकतंत्र की लड़ाई के रूप में प्रेषित करने की कोशिश की है। उससे एक बात साबित हो चुकी है कि कांग्रेस पार्टी इस देश में लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने में और निचले स्तर पर जाने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। यह लोकतंत्र की लड़ाई नहीं स्वार्थ की लड़ाई लड़ी जा रही है। जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। यह पहली बार नहीं है कि कोई व्यक्ति या सांसद की सदस्यता से बर्खास्त की गई है, पिछले 10 सालों में इस सूची में कई लोग शामिल हैं तो क्या कारण है कि इस बार इतना हंगामा किया जा रहा है, हमारे संसद या लोकतंत्र को चलने नहीं दिया जा रहा है। लोग काले कपड़े पहनकर लोग आ रहे हैं।