संजय गुप्ता, INDORE. कर्नाटक में कांग्रेस की जीत हुई लेकिन इधर इंदौर में कांग्रेस की गुटबाजी फिर तू-तू और मैं-मैं की बहस के रूप में सड़कों पर आ गई। निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे और पूर्व कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान पार्षद पति शेख अलीम के बीच में एआईसीटीएसएल के परिसर में जमकर बहस हो गई। हालत मारपीट तक आने लगी थी, जिसमें दोनों को वहां मौजूद कांग्रेस नेताओं ने संभाल लिया। अलीम ने आरोप लगाए कि बैठक में कांग्रेस पार्षदों की सही और पूरी बात चौकसे ने नहीं रखी। इस पर चौकसे ने भी बोल दिया कि एक पार्षद पति नहीं बताएगा कि मुझे क्या करना चाहिए? जब पार्षद वहां थी तो उनके पति क्यों समझा रहे हैं? दोनों के बीच सभा कक्ष से शुरू हुई बैठक नीचे परिसर तक चली और कई बार दोनों को अन्य नेता खींचकर ले गए। बैठक सफाई सर्वेक्षण की तैयारियों को लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बुलाई थी।
बैठक में यह हुआ
बैठक में मौजूद कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने बताया कि बैठक में पार्षद अपनी समस्याएं रख रहे थे। बैठक स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर आयोजित की गई थी, इसलिए पार्षदों को वार्ड की अन्य समस्याएं बताने से मना किया गया। नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने भी स्वच्छता को लेकर ही बात करने को कहा। मीटिंग खत्म होने के बाद जब कुछ पार्षद अन्य मुद्दों पर नेता प्रतिपक्ष से उनकी बात रखने के लिए चर्चा कर ही रहे थे कि तभी पार्षद पति शेख अलीम भी नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को समझाने पहुंच गए। इस बात पर दोनों के बीच जमकर तू-तू.. मैं-मैं शुरू हो गई। शेख अलीम का कहना था कि पार्षदों की बात रखना चाहिए थी, इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपको जहां बात करना है करो, मुझे आपकी बात नहीं सुनना है।
इस बात पर दोनों ही नेताओं के बीच जमकर खींचतान होने लगी। वहीं पार्षदों के साथ अन्य लोगों की भीड़ जमा हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि कुछ पार्षद नेता प्रतिपक्ष को बिल्डिंग के नीचे ले गए। मगर मामला यहां भी नहीं थमा नीचे आकर भी दोनों के बीच जमकर बहस हुई। जिसके बाद दोनों वहां से रवाना हो गए।
चौकसे और अलीम यह बोल रहे
चौकसे ने कहा कि 4 बर्तन रहते हैं तो खनखते हैं। वो मुझे समझाने की कोशिश कर रहे थे कि मुझे काम कैसे करना है। वो तो मैं तय करूंगा कि मुझे काम कैसे करना है। वो कौन हैं..? अगर बात करना है तो भाभी (पार्षद) बात करें। वो बैठक में किस हैसियत से आए थे। जब पार्षद वहां मौजूद थी तो वे क्यों आए। अगर मुझे ज्ञान देना है तो घर आएं। ज्यादा दिक्कत है तो आंदोलन करें, किसने मना किया। वहीं अलीम ने कहा कि वरिष्ठ होने के नाते मैं भी उनसे बात करने गया था। मगर वे भड़क गए और चिल्लाने लगे। नेता प्रतिपक्ष से कांग्रेस पार्षद संतुष्ट नहीं हैं। वे काम नहीं कर रहे हैं। पार्षदों के मुद्दे भी नहीं उठा रहे हैं। देखा जाए तो वे काम ही नहीं कर पा रहे हैं। परिषद की बैठक में भी यही हुआ था। उस वक्त भी पार्षदों में नाराजगी थी।
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चौकसे पर क्यों लग रहे हैं महापौर, निगमायुक्त पाले में बैठने के आरोप
चौकसे पर लगातार कांग्रेस के अंदरखाने में ही बीजेपी महापौर और निगायुक्त के पाले में बैठने के आरोप लग रहे हैं। इसके पहले जब श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी हादसे में पिंटू जोशी और अन्य ने थाने में निगमायुक्त प्रतिभा पाल को लेकर शिकायत कर दी थी, तब भी चिंटू चौकसे ने अपने ही नेताओं से आपत्ति ली थी कि उनका नाम क्यों लिया, निगायुक्त तो हमारे सभी काम करती है। पार्षदों की पीड़ा है तो बीजेपी के निगम में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है, चौकसे को तो भरपूर सुना जाता है और उनके काम हो जाते हैं, लेकिन कांग्रेसियों के बाकी वार्ड में कोई सुनवाई नहीं हो रही है और कोई अधिकारी, निगमायुक्त तवज्जो नहीं दे रहे हैं। लेकिन चौकसे महापौर भार्गव और निगमायुक्त दोनों को ही साथ लेकर चल रहे हैं।