Damoh. दमोह के जिला न्यायालय में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया था। जिसमे सभी विभागों के अधिकारी मामलों के निराकरण के लिए बैठे थे, लेकिन अधिवक्ता संघ ने लोक अदालत का बहिष्कार किया । इस लोक अदालत में जिले का एक भी अधिवक्ता शामिल नहीं हुआ है। वहीं दूसरी तरफ सभी विभाग के पंडाल लगे हुए थे जहां बगैर अधिवक्ता के मामलों का निपटारा चल रहा था।
दमोह जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष मुकेश पांडे ने बताया कि करीब 3 माह पहले हाईकोर्ट ने प्रत्येक जिला अधिवक्ता संघ के लिए 25 प्रकरण भेजे थे, जिनका निपटारा समय सीमा में करना था। इसके बाद फिर से उन्हें इसी तरह प्रकरण भेजे गए हैं, जिससे उन्हें लगता है कि जल्दी निर्णय करना ठीक नहीं है।
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अधिवक्ताओं का मानना है कि जल्दबाजी में फैसले का निराकरण तो हो सकता है, लेकिन पक्षकारों को न्याय नहीं मिल सकता और अधिवक्ताओं को भी इसमें काफी असुविधा हो रही है। कुछ समय पहले उन्होंने इसी बात को लेकर 1 दिन न्यायालय के कार्य से विरत रहकर विरोध जताया था और उच्च न्यायालय के नाम ज्ञापन दिया था, लेकिन इस मामले में फैसला वापस नहीं लिया गया है।
इसी क्रम में विरोध जताते हुए शनिवार को दमोह जिले के सभी अधिवक्ताओं ने नेशनल लोक अदालत का बहिष्कार किया । जिसमें दमोह जिला अधिवक्ता संघ के अलावा प्रदेश के अन्य 8 जिले भी शामिल है। अधिवक्ताओं का मानना है कि यदि हाईकोर्ट फैसले को वापस नहीं लेता, तो एक बैठक करने के बाद अधिवक्ता आगे की रणनीति बनाकर विरोध जताएंगे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दमोह के सचिव व जिला न्यायाधीश अंबुज पांडे का कहना है कि नेशनल लोक अदालत में मामलों के निपटारे चल रहे हैं। सभी विभाग अपने पुराने मामलों का निपटारा कर रहे हैं, जिसमें नगर पालिका ने टैक्स भरने के लिए भारी छूट दी है। इसके अलावा अन्य विभाग भी अपना काम कर रहे हैं। रही बात नेशनल लोक अदालत में अधिवक्ताओं के बहिष्कार की तो निश्चित है कि इससे उन्हें पहले की नेशनल लोक अदालत की अपेक्षा कम सहयोग मिलेगा।