सुनील शर्मा, BHIND. जनपद पंचायत की पहली साधारण सभा की मीटिंग में जनपद सदस्यों ने ही हंगामा कर दिया। दरअसल जनपद सदस्य साधारण सभा की मीटिंग में अपने परिजन को शामिल करना चाहते थे लेकिन जनपद प्रभारी सीईओ उदय सिंह सिकरवार ने सभी परिजन को बाहर का रास्ता दिखा दिया। महिला जनपद सदस्यों के साथ उनके पति और बेटे भी पहुंचे थे। परिजन को बाहर निकालने पर जनपद सदस्यों ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया। सदस्यों ने प्रभारी जनपद सीईओ उदय सिंह सिकरवार के खिलाफ नारेबाजी की और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मीटिंग का बहिष्कार कर दिया। जनपद सदस्यों ने प्रभारी जनपद सीईओ को हटाने की मांग की।
जनपद सदस्यों के परिजन ने दी सफाई
जनपद अध्यक्ष के बेटे विकास का कहना था कि उनकी माताजी की उम्र 71 साल है। आंखों में मोतियाबिंद और पढ़ी-लिखी भी नहीं है जिसके चलते मीटिंग में उनका बैठना आवश्यक है जिससे पता लग सके उनसे किस प्रकार के दस्तावेजों पर दस्खत या अंगूठा लगवाया जा रहा है। इस वजह से वे मीटिंग हॉल में आए थे। प्रशासन अधिकारियों ने उनको बलपूर्वक बाहर निकालकर बेइज्जत किया है जिस वजह से जनपद सदस्यों ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया है और प्रभारी सीओ को हटाने की मांग करते हुए स्थाई सीईओ की मांग की है।
महिलाएं खुद नहीं होना चाहतीं सशक्त
जनपद सदस्यों ने अटेर विधायक और मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया को भी पूरे मामले की जानकारी दी। हालांकि देर शाम तक भिंड कलेक्टर ने सदस्यों के अलावा अन्य लोगों को मीटिंग हॉल में प्रतिबंधित करने का आदेश जारी कर दिया था। भिंड कलेक्टर का कहना है कि उनके पास भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत आती है तो वो उसकी आवश्यक जांच कराएंगे लेकिन साधारण सभा की मीटिंग में सदस्यों के अलावा अन्य लोगों का प्रतिबंध शासन की गाइडलाइन के अनुसार ही किया गया है। कोई भी वृद्ध या महिला होने का हवाला देकर कोई भी मीटिंग में प्रवेश पाने की छूट नहीं ले सकता है। सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए हरसंभव प्रयासरत है। अगर जनता ने महिलाओं को चुना है तो उनका प्रतिनिधित्व करने का अधिकार भी उन्हीं महिलाओं को है न कि उनके पति और बेटों को। महिलाएं खुद ही सशक्त नहीं होना चाहती हैं तो क्या किया जा सकता है।