जबलपुर में नहीं हो पा रही जिला योजना समिति की बैठक, प्राधिकरणों के अध्यक्षों की नियुक्ति भी लंबित

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर में नहीं हो पा रही जिला योजना समिति की बैठक, प्राधिकरणों के अध्यक्षों की नियुक्ति भी लंबित

Jabalpur. जबलपुर में विभिन्न प्रकार के विकास कार्य लंबित पड़े हैं। जिसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी नाखुश हैं। 3 साल होने को हैं पर शहर में जिला योजना समिति की बैठक ही नहीं हो पाई है। दो साल तो कोरोना की वजह से जैसे-तैसे निकल गए उसके बाद नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों की आचार संहिता ने जिला योजना समिति का गठन टरका दिया। हालात यह हैं कि प्रदेश के कुछेक जिलों में ही जिला योजना समिति  गठित हो पाई है। 



यह साल भी गया



गजट नोटिफिकेशन के अभाव में जियोस की बैठक इस बार भी संभव नहीं हैं। जानकारों का कहना है कि प्रदेश सरकार में जिले को प्रतिनिधित्व नहीं है। ऐसे में जियोस ही एक मंच होता है जहां स्थानीय जनप्रतिनिधि प्रभारी मंत्री के समक्ष अपने क्षेत्र के विकास से संबंधित कामों को लेकर बात रख पाते हैं। वहीं इस बैठक के एजेंडे में शामिल विषयों को लेकर जिला और सरकार के बीच पुल का काम होता है। 



प्राधिकरण भी अध्यक्ष विहीन




यही नहीं महाकौशल विकास प्राधिकरण और जबलपुर विकास प्राधिकरण का गठन भी पिछड़ेपन को दूर करने और नगरीय विकास के लिए किया गया था, जो कि पूरे 5 साल से अध्यक्ष विहीन पड़े हैं। अध्यक्ष की नियुक्ति न होने और बोर्ड गठित नहीं किए जाने के कारण नई योजनाओं में भू अर्जन से नीतिगत निर्णय से संबंधित काम प्रभावित हो रहे हैं। 



उधर संयुक्त संचालक सांख्यिकी विभाग का कहना है कि जिले में जियोस का गठन हो गया है, अधिसूचना भोपाल स्तर पर जारी होना है। प्रभारी मंत्री के निर्देश पर जिला योजना समिति की बैठक होगी। उधर जिले के अनेक प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिन्हें फंड की जरूरत है तो कई को हरी झंडी का इंतजार है। अब देखना यह होगा कि कम से कम जिला योजना समिति की बैठक अगले साल हो पाती है या नहीं। 


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