Khandwa. बीजेपी हमेशा से कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों पर परिवारवाद के आरोप जड़ती आई है और अपने नेताओं के बच्चों को मिलने वाले मलाईदार पदों के सवाल को टाल देती है। ताजा मामला हरसूद कॉलेज के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद का है। मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विजय शाह के बेटे दिव्यादित्य शाह को इस पद की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि दिव्यादित्य पहले ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष के पद पर निर्वाचित हैं। बताया जा रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग ने हरसूद कॉलेज की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद पर उनका मनोनयन किया है। इस बाबत 25 अप्रैल को उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी डॉ दिवा मिश्र ने यह आदेश जारी किए थे। इस आदेश में विधायक डॉ राजेंद्र पांडेय की अनुशंसा का हवाला दिया गया है।
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मंत्री पुत्र को चार-चार अहम जिम्मेदारियां
इस नई जिम्मेदारी मिलने के बाद कैबिनेट मंत्री विजय शाह के बेटे दिव्यादित्य को चार-चार अहम जिम्मेदारियां प्राप्त हो चुकी हैं। वे जिला पंचायत उपाध्यक्ष है, बीजेवायएम के उपाध्यक्ष भी हैं और वे पूर्व में जिला सहकारी बैंक के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। वहीं उनकी पत्नी पूर्व में खंडवा की महापौर रह चुकी हैं। उन्हें सत्ता का इतना वरदहस्त मिलने से जहां उनके समर्थक बेहद खुश हैं तो विरोध के स्वर भी फूट रहे हैं। हालांकि किसी ने भी सोशल मीडिया या संगठन के सामने अपना दर्द बयां नहीं किया है, लेकिन अंदर ही अंदर यह आग सुलगती नजर आ रही है।
कांग्रेस ने कसा तंज
उच्च शिक्षा विभाग का यह आदेश जारी होने के बाद कांग्रेस ने निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि मंत्री विजय शाह अपने परिवार का ही फायदा सोचते हैं, हरसूद विधानसभा मेें वे किसी अन्य नेता को पनपने देना ही नहीं चाहते। कांग्रेस नेता मुकेश दरबार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है जिसमें कहा गया है कि मंत्री से परिवार का मोह नहीं छूट रहा। यह भी कहा जा रहा है कि यदि कोटवार का पद भी राजनैतिक हो जाए तो मंत्री अपने बेटे को कोटवार भी बनवा देंगे। इसे कहते हैं कि अपने वंश को आगे बढ़ाओ। पोस्ट में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर यह भी कटाक्ष किया गया है कि अब बाकी के नेता तो सिर्फ चम्मच उठाओ और चाटूकारी करो।