उज्जैन: हर साल जहां महाकाल (Mahakal) के मंदिर में दीपावली(Diwali) सबसे पहले मनाई जाती है तो वहीं इस साल ऐसा नहीं होगा। महाकाल के आंगन में इस साल दीपावली पूजा को एक दिन आगे बढ़ा दिया गया है। मंदिर में अब दिवाली पूजा और रूपचौदस का त्यौहार एक ही दिन मनाया जाएगा साथ ही महाकाल को 56 भोग भी लगाया जाएगा।
चौदस और अमावस एक ही तिथि को
पुजारियों का कहना है कि, चौदस और अमावस की तिथि एक ही पड़ रही है। जिसकी वजह से महाकाल (Ujjain mahakal) के मंदिर में रूप चौदस और दीपवाली की पूजा एक ही दिन की जाएगी। हालांकि इसके पहले यह पूजा प्रक्रिया बुधवार को होने वाली थी।
भस्म आरती के समय होगा अभ्यंग स्नान
आपको बता दें कि, गुरुवार को रूपचौदस होने के कारण भस्म आरती के समय ही अभ्यंग स्नान भी होगा। इस दौरान पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान को उबटन लगाएंगी। हल्दी,चंदन, इत्र, सुगंधित द्रव्य से बाबा महाकाल को स्नान कराएंगे। इसके साथ ही बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान प्रारंभ होगा। वहीं भस्म आरती के दौरान अन्नकूट का महाभोग लगेगा।