Jabalpur. आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े में जेल में बंद सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल की संचालक डॉ दुहिता पाठक और उसके पति डॉ अश्वनी पाठक ने आयुष्मान योजना के हितग्राही मरीजों को अस्पताल लाने वाले दलालों को 5 लाख से 17 लाख रुपए तक बांटे थे। जेल में हुई पूछताछ में पाठक दंपती ने दलाल के नाम का खुलासा एसआईटी के सामने किया है। जिसमें एक महिला दलाल रईसा बेगम का नाम एसआईटी को मिला है। डॉक्टर दंपती ने बताया कि उन्होंने रईसा को 17 लाख रुपए दिए थे। टीम महिला का पता लगा रही है।
100 मरीजों को कराया था भर्ती
पूछताछ में पता चला है कि रईसा बेगम ने किडनी अस्पताल में 100 आयुष्मान हितग्राहियों को भर्ती कराया था। और उसके कमीशन के रूप में यह रकम डॉक्टर दंपती से वसूली थी। एसआईटी जांच में डॉक्टर दंपती ने पूछताछ के दौरान बताया कि रईसा बेगम ने उनसे यह बताया था कि वह आयुष्मान हितग्राहियों को अस्पताल में भर्ती करा सकती है। इसके एवज में वह मरीजों के कुल बिल का 10 प्रतिशत बतौर कमीशन लेगी। जिसके बाद डॉक्टर दंपती ने जैसे ही हामी भरी रईसा आए दिन किसी न किसी आयुष्मान हितग्राही को अस्पताल में भर्ती कराती रही।
3 और दलालों के नाम बताए
डॉ दंपती ने एसआईटी को रईसा बेगम के अलावा 3 और दलालों के नाम बताए हैं। इन दलालों ने भी 5 से 7 लाख रुपए कमीशन लिया था। एसआईटी अब इन दलालों पर अपना शिकंजा कसने की तैयारी में है।
भोपाल से मिली 50 फाइलें
इधर एसआईटी को आयुष्मान कार्यालय भोपाल से उन 50 मरीजों की पूरी की पूरी फाइल मिल चुकी है। इन फाइलों का परीक्षण भी एसआईटी ने शुरू कर दिया है। जिसमें खुलासा हुआ है कि अधिकांश मरीजों को असल में कोई बीमारी थी ही नहीं। टीम ने उक्त मरीजों के बयान भी दर्ज कर लिए हैं।