Jabalpur. जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज समेत प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मंगलवार को 2 घंटे के लिए डॉक्टरों ने हड़ताल रखी। दरअसल डॉक्टर्स मेडिकल कॉलेजों ब्यूरोक्रेट्स की तैनाती करने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। तर्क यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं की प्रशासनिक व्यवस्था डॉक्टर ही संभालें तो बेहतर होगा। मेडिकल कॉलेजों में डीन और अधीक्षकों के साथ डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारियों की तैनाती का प्रस्ताव कैबिनेट में लाए जाने की जानकारी लगी। जिसके बाद प्रदेश के सभी 13 मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल टीचर्स ने भी काली पट्टी बांधकर विरोध जताया।
इमरजेंसी सेवाएं ही रहीं बहाल
डीन कार्यालय के सामने बैठकर हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स और टीचर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार अव्यवहारिक फैसले ले रही है। जिसके खिलाफ अभी कुछ घंटे काम बंद रखकर विरोध दर्ज कराया है। आने वाले समय में और भी बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। हड़ताल के दौरान डॉक्टरों ने केवल इमरजेंसी में ही सेवाएं दीं।
डॉक्टरों का कहना है कि सरकार यदि प्रबंधन में बदलाव चाहती है तो अईपीएचएस के तहत पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर बनाकर लोक स्वास्थ्य की डिग्रीधारी डॉक्टरों को मैनेजमेंट का जिम्मा दे रही है वैसे ही स्वास्थ्य विभाग की तरह मेडिकल एजुकेशन में भी इसे लागू किया जाना चाहिए।
पूर्ण हड़ताल की दी चेतावनी
मप्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन पदाधिकारियों ने हड़ताल के दौरान कहा कि अगर सरकार पर उनके इस प्रदर्शन का कोई असर नहीं पड़ा तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसमें संपूर्ण हड़ताल का भी तरीका अपनाया जाएगा।