Seoni. सिवनी के पेंच में सबसे ज्यादा शावकों को जन्म देने वाली कॉलर वाली बाघिन की बहन, लंगड़ी बाघिन बुरी तरह से घायल हालत में पार्क कर्मियों को दिखाई दी थी। जिसके बाद घायल बाघिन के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था की गई। वन्यप्राणी चिकित्सकों ने डार्ट के जरिए बाघिन को ट्रैन्क्युलाइज किया और फिर कम समय में उसे उपचार प्रदान किया। उपचार के बाद बाघिन की हालत ठीक बताई जा रही है। बता दें कि पेंच की लंगड़ी बाघिन, कॉलर वाली बाघिन के नाम से मशहूर द ग्रेट मॉम की बहन है। इन दोनों को पेंच की बड़ी बाघिन ने जन्म दिया था।
लंगड़ी बाघिन को बड़ी बाघिन ने कॉलरवाली बाघिन के दो साल बाद जन्म दिया था। इसे टी-20 के नाम से भी पार्क प्रबंधन पहचानता है। दरअसल सफारी के दौरान पर्यटकों और गाइड ने लंगड़ी बाघिन को घायल अवस्था में टैक किया था। इस बात की जानकारी पेंच प्रबंधन को दी गई। जिसके बाद वन अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर बाघिन को इलाज मुहैया कराया।
- यह भी पढ़ें
इलाज के बाद लंगड़ी बाघिन स्वस्थ है। पेंच टाइगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश सिंह ने बताया कि पेंच टाइगर रिजर्व में सफारी के दौरान पर्यटकों और गाइड को बाघिन घायल हालत में बैठी दिखाई दी थी। संभवतः शिकार के दौरान उसे चोट लगना प्रतीत हो रहा था। फिलहाल उसे इलाज मुहैया कराया गया है, जिसके बाद वह स्वस्थ नजर आ रही है।
वृद्धावस्था में पहुंच चुकी है बाघिन
लंगड़ी बाघिन वैसे तो बाघों की औसत उम्र पार कर चुकी है और अब वृद्धावस्था के दौर से गुजर रही है। इसके द्वारा जन्म दिए गए अनेक बाघ पेंच के जंगलों में अपना इलाका बना चुके हैं। लंगड़ी काफी वृद्ध हो चुकी है लेकिन फिर भी वह अभी तक आसानी से शिकार कर पा रही है। वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने बताया कि बाघों की औसत उम्र 14 साल के करीब होती है, हालांकि वे 20-22 साल तक भी जिंदा रह जाते हैं।