संजय गुप्ता, INDORE. अमेरिका के बिजनेसमैन और मूल रूप से पंजाबी डॉ. दर्शन सिंह धालीवाल को भी इस बार इंदौर में हो रहे प्रवासी भारतीय दिवस के समापन समारोह में प्रवासी भारतीय सम्मान अवॉर्ड (पीबीएसए) से सम्मानित किया जाएगा। विदेश मंत्रालय की अवॉर्ड लिस्ट में उनका नाम शामिल किए जाने पर आश्चर्य जताया जा रहा है। ये वही धालीवाल हैं, जिन्हें साल 2020-21 में किसान आंदोलन को समर्थन के कारण दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर नहीं आने दिया गया था। उन्हें मजबूर होकर एयरपोर्ट से ही वापस शिकागो जाना पड़ा था। इसके अलावा भारत में एक अन्य आयोजन में भी शामिल होने के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें मंजूरी नहीं दी थी।
मंत्रालय की सफाई, इसमें अलग कुछ भी नहीं
इंदौर में 08 से 10 जनवरी तक हो रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन के बारे में शुक्रवार, 06 जनवरी को प्रेस कान्फ्रेंस में डॉ.धालीवाल को लेकर सवाल उठने पर विदेश मंत्रालय में प्रवासी भारतीय दिवस मामले के सचिव डॉ. औसाफ सईद ने कहा कि इसमें कुछ अलग नहीं है। सम्मेलन में सम्मानित किए जाने के बारे में जो मानक बाकी 26 लोगों को चुनने के लिए अपनाया गया। वहीं धालीवाल के लिए भी रहा है। हम केवल एक प्रवासी भारतीय के रूप में उनके संबंधित फील्ड में योगदान देखते हैं। इसके अलावा यह भी कि विदेश में भारत और भारतीयों के समुदाय के लिए उनका क्या योगदान दे रहे हैं।
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उधर, धालीवाल ने भी जताया आश्चर्य
उधर, डॉ. धालीवाल ने इंदौर में हो रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में खुद को सम्मानित कर अवॉर्ड दिए जाने के भारत सरकार के फैसले पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि भारत में हमारे पास सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री है। वे देश के लिए बहुत अच्छा कर रहे हैं। सिख समुदाय के लिए भी अच्छा कर रहे हैं। इस पुरस्कार के लिए भारत सरकार का धन्यवाद, मैं आश्चर्यचकित भी हूं।
कौन है डॉ. दर्शन सिंह धालीवाल
डॉ. धालीवाल 1972 में पंजाब से अमेरिका चले गए थे। वे वहां एक हजार पेट्रोल पंप के मालिक हैं और रियलएस्टेट सेक्टर में भी उनका कारोबार है। उनकी सलाना आमदनी करीब दो अरब डॉलर है। किसान आंदोलन के समय वे हर तीन माह में भारत आकर किसानों के बीच जाते थे। यहां उन्होंने आंदोलन में शामिल होने वाले किसानों के लिए लगातार लंगर भी चलवाया और आंदोलन को समर्थन दिया। इस दौरान एक बार अमेरिका से दिल्ली आने पर उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया और वापस भेज दिया गया।
ये 26 प्रवासी भारतीय भी होंगे सम्मानित
प्रोफेसर जगदीश चेन्नुपति (आस्ट्रेलिया), प्रोफेसर संजीव मेहता (भूटान), प्रोफेसर दिलीप लोउंडे (ब्राजील), डॉ. एलेक्जेंडर मालियाकेल जॉन (ब्रूनेई), डॉ. वईकुंतम अय्यर लक्ष्मणन (कनाडा), जोगिंदर सिंह निज्जर (क्रोएशिया), प्रोफेसर रामजी प्रसाद (डेनमार्क), डॉक्टर के. एमबालम (ईथोपिया), डॉ अमल कुमार मुखोपाध्याय (जर्मनी), डॉ. मोहम्मद इरफान अली (गुयाना). रीना विनोद पुष्करणा (इजरायल), डॉ. मक्सूद सर्फी शिओतनी (जापान), डॉ. राजगोपाल (मैक्सिको), अमित कैलाश चंद्र लाठ (पोलेंड), परमानंद सुखमल दासवानी (कांगो), पियूष गुप्ता (सिंगापुर), मोहनलाल हीरा (साउथ अफ्रीका), संजयकुमार शिवभाई पटेल (साउथ सूडान), शिवकुमार नादेसन (श्रीलंका), देवेनचंद्र बोस शर्मन (सूरीनाम), डॉ. अर्चना शर्मा (स्विटजरलैंड), जस्टिस फ्रेंक आर्थर सीपेरसद (त्रिनिदाद एंड टोबेगो), सिदार्ध बाबूलभाई पटेल (यूके), राजेश सुब्रहमण्यम (अमेरिका), अशोक तिवारी (उज्बेकिस्तान)।