देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर में राज्य प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी के तबादले के बाद फिर ग्वालियर में उसी क्षेत्र का एसडीएम बनाए जाने के मामले में अब प्रदेश की राजनीति गरमाने लगी है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जिस अधिकारी के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायतें दर्ज हों। इसके बावजूद उसी क्षेत्र में पदस्थापना अनेक संदेह पैदा कर रही है और सरकार को जबाव देना चाहिए कि किस नेता के कहने पर शासकीय भूमि नीलाम करने के लिए ये पदस्थापना की गई है ?
पुराने कलेक्टर ने रवानगी के पहले किया था तबादला
एसडीएम सीबी प्रसाद के केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेताओं का नजदीकी माना जाता है। बीते लंबे समय से वे झांसी रोड इलाके के एसडीएम का पदभार संभाल रहे थे। सिंधिया का महल जय विलास पैलेस और सिंधिया परिवार की अनेक अन्य भूमि आदि इसी क्षेत्र में स्थित हैं। पिछले महीने कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान खुदकुशी की 2 घटनाएं हुई थीं। ये दोनों मामले सीबी प्रसाद के क्षेत्र के ही थे। इसलिए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अपने तबादले के बाद रवानगी से ठीक पहले सीबी प्रसाद को झांसी रोड से हटाकर भितरवार का एसडीएम बनाया था और वहां के एसडीएम अश्विनी रावत की पदस्थापना झांसी रोड के एसडीएम के रूप में कर दी गई। दोनों ने आनन-फानन में पदभार ग्रहण भी कर लिया था।
डॉ. गोविंद सिंह ने बोला हमला
इसके 2 दिन बाद भोपाल से सामान्य विभाग द्वारा राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों की एक तबादला सूची जारी की गई। इसमें सीबी प्रसाद का तबादला ग्वालियर से जिला गुना कर दिया गया, लेकिन जिले से बाहर हुए तबादले के आधार पर रवानगी देने की जगह ग्वालियर के नवागत कलेक्टर अक्षय सिंह ने एक अन्य आदेश जारी कर प्रसाद को फिर एसडीएम झांसी रोड और रावत को वापस भितरवार का एसडीएम बनाकर इन लोगों की फटाफट जॉइनिंग भी करवा दी। फटाफट हुए इस घटनक्रम की चर्चा सिर्फ प्रशासनिक ही नहीं राजनीतिक हलकों में भी होने लगी है। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सीधे ही इस पर हमला बोलकर इस चर्चा को और गरमा दिया है।
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'ये करोड़ों का जमीन घोटाला कराने की साजिश'
इस मामले में डॉ. गोविंद सिंह ने एक वीडियो जारी करके इस तबादले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ग्वालियर एसडीएम सीबी प्रसाद का तबादला सामान्य प्रशासन विभाग ने गुना कर दिया है। वहीं ग्वालियर कलेक्टर ने उस आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए उनकी पदस्थापना वहीं कर दी जहां उनके द्वारा पिछले कार्यकाल में बड़े घोटाले कराए थे। अब फिर वहीं पदस्थापना करना ये एक बार फिर करोड़ों की जमीन का घोटाला कराने की साजिश है।
पीएम मोदी के नारे को चुनौती
डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि सीबी प्रसाद के खिलाफ लोकायुक्त में जांच चल रही है। उन्हें नोटिस दिया गया है फिर भी उनकी उसी जगह पदस्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास के नारे को खुली चुनौती और मजाक है। सीएम शिवराज सिंह से उन्होंने मांग की कि वे इस बात की जांच कराएं कि किस नेता के इशारे पर करोड़ों की शासकीय जमीन नीलामी हो रही है ? उन्होंने कहा कि एक तरफ मोदी जी कहते हैं ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा। फिर ये सरकारी संपत्ति को क्यों लुटवा रहे हो ? सीएम इसकी जांच कराएं और दोषियों को दंडित करें।