राजीव उपाध्याय, BHOPAL. मध्य प्रदेश में 1 नवंबर की सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब कई शहर में अचानक भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 आंकी गई। इसका केंद्र डिंडौरी रहा, जिसका हाइपो सेंटर 10 किमी गहराई पर था। यहां सुबह 8 बजकर 43 मिनट 50 सेकंड पर धरती हिलने पर लोग डर गए। भूकंप के झटके डिंडौरी, जबलपुर, मंडला, अनूपपुर बालाघाट और उमरिया जिले में महसूस हुए। समाचार लिखे जाने तक मिली जानकारी के अनुसार भूकंप के झटके हल्के थे और जानमाल के नुकसान या किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
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SDERF अलर्ट पर
जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र जबलपुर से 35 किलोमीटर दूर था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई। बताया गया कि जबलपुर के डिंडोरी में 8.43 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके महसूस होते ही डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, बालाघाट, अनूपपुर, उमरिया में SDERF को अलर्ट कर दिया गया है।
3.9 रिक्टर का था झटका
जबलपुर में आधिकारिक तौर पर पुष्टि करते हुए अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा ने बताया कि नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी ने भूकंप की पुष्टि की है। डिंडोरी जिले के पास भूकंप का केंद्र था जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 दर्ज हुई है। वहीं जबलपुर जिले में भूकंप से किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई खबर प्रशासन तक नहीं पहुंची है। बता दें कि नर्मदा सोन बेसिन भूकंप की दृष्टि से अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में से एक है जहां टेक्टोनिक प्लेटों के खिसकने की वजह से अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। मध्यप्रदेश में सबसे भीषण भूकंप साल 1997 की 22 मई को सुबह 5 बजे आया था। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई थी, इस भूकंप का केंद्र जबलपुर का कोसमघाट गांव था।