Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रवि मलिमठ से दो-दो बार फरियाद के बाद भी तय हुई तारीख पर सुनवाई टल गई। इससे व्यथित याचिकाकर्ता ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को शिकायत भेजते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है। मामला जबलपुर की बरगी विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका का है। जिसे कांग्रेस नेता जितेंद्र अवस्थी ने दायर किया था।
अधिसूचना जारी होने से पहले मिले इंसाफ
याचिकाकर्ता ने सीजेआई को भेजी गई अपनी शिकायत में यह सवाल उठाया है कि आगामी विधानसभा चुनावों की अधिसूचना जारी होने से पहले उसे इंसाफ मिल पाएगा या नहीं। तर्क दिया गया है कि जब जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि चुनाव याचिकाओं पर त्वरित सुनवाई होनी चाहिए, बावजूद उसके फरियादी की चुनाव याचिका 4 सालों से लंबित क्यों है। सुनवाई अंतिम स्तर की गवाही तक पहुंचने के बावजूद अहम गवाहों के बयान दर्ज क्यों नहीं हो पा रहे। याचिकाकर्ता ने यह भी उल्लेख किया है कि कभी गवाह हाजिर नहीं होते तो कभी एकलपीठ मुहैया नहीं हो पा रही, इससे याचिकाकर्ता का समय और श्रम व्यर्थ जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान मांग की थी कि क्यों न उसके मामले की विशेष बेंच गठित कर त्वरित सुनवाई की व्यवस्था दी जाए। अदालत को यह भी बताया गया कि याचिकाकर्ता अवकाश के दिनों में भी पैरवी करने आने को तैयार है। जिसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख एक माह से घटाकर कम समयावधि की कर दी थी। याचिकाकर्ता पूरी तैयारी के साथ अदालत पहुंचा तो न गवाह नजर आए और न ही एकलपीट की व्यवस्था मिली। जिसके बाद उसने पूर्व में प्रस्तुत समस्त शिकायतों को संलग्न कर नए सिरे से सीजेआई को शिकायत भेजी दी है।