BHOPAL. विद्युत नियामक आयोग ने 28 मार्च को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए टैरिफ जारी किया है। कोयले की कमी के चलते इम्पोर्टेड कोल के मिश्रण के बावजूद प्रदेश में विद्युत दरों में मात्र 1.65% की वृद्धि की। निम्नदाब गैर-घरेलू श्रेणी तथा निम्नदाब औद्योगिक श्रेणी की विद्युत दरों में कोई भी वृद्धि नहीं की गई। उच्चदाब उपभोक्ताओं की मांगों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष केवीएएच के आधार पर प्रस्तावित बिलिंग को मान्य नहीं किया गया। घरेलू उपभोक्ताओं पर न्यूनतम चार्ज समाप्त किया गया।
इसलिए की गई वृद्धि
आयोग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए रुपए 48,993 करोड़ की सकल राजस्व आवश्यकता को स्वीकार किया है, जिसमें अब तक निर्णीत सभी सत्यापन याचिकाएं शामिल है। विद्यमान विद्युत-दर (टैरिफ ) में राजस्व अन्तर के रूप में रुपए 795 करोड़ को आयोग द्वारा मान्य किया गया है। इस अंतर की भरपाई के लिए विद्युत - दर (टैरिफ) में 1.65% की मामूली वृद्धि स्वीकार की गई है। कंपनी द्वारा 3.20 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया था।
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अब उपभोक्ताओं को 100 रुपए की जगह 102 रुपए बिल भरना होगा
दरअसल, अब उपभोक्ताओं को 100 रुपए की जगह 102 रुपए बिल भरना होगा। बता दें कि बिजली कंपनियों ने 4 से 5 फीसदी बढ़ोतरी करने की मांग की थी।
ये आदेश भी हुए जारी
- मेट्रो रेल के लिए पृथक श्रेणी बनाकर विद्युत दरें निर्धारित की गई।
बिजली दर में 20 से 25 पैसे प्रति यूनिट वृद्धि का प्रस्ताव था
जानकारी के अनुसार विद्युत कंपनियों ने नवंबर 2022 में नियामक आयोग के सामने घाटे और लगातार विद्युत उत्पादन में बढ़ रहे खर्च को दर्शाते हुए बिजली दर में 20 से 25 पैसे प्रति यूनिट वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद आयोग ने सभी पक्षों से दावे-आपत्ति लेकर दर में वृद्धि के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस वृद्धि से सरकार को पांच सौ करोड़ रुपए का अतिरक्त राजस्व मिल सकता है।