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सहकारी कर्मचारी महासंघ ने दिया कलेक्टर को लीगल नोटिस, कहा एस्मा लगाने का अधिकार आपको नहीं

Vivek Sharma
05,नवम्बर 2022, (अपडेटेड 05,नवम्बर 2022 07:22 PM IST)

अविनाश तिवारी, REWA. एक सप्ताह से हड़ताल पर उतरे सहकारी बैंक कर्मचारी संघ ने रीवा कलेक्टर द्वारा एस्मा (मध्यप्रदेश अत्यावश्यक  सेवा संधारण तथा विछिन्नता निवारण अधिनियम) के नोटिस के जवाब में उल्टा कलेक्टर को लीगल नोटिस भेजते हुए कहा है कि आपको एस्मा लगाने का अधिकार नहीं। इस नोटिस के बाद रीवा से भोपाल तक हड़कंप मचा हुआ है।

नोटिस में वकील ने कलेक्टर की पावर लिमिट बताई

सहकारी बैंक हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने की नोटिस के जवाब में कर्मचारी संघ के वकील ओसिन उपाध्याय ने कलेक्टर रीवा को लीगल नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि आदेश क्रमांक/448/प्रवाकले/2022/31.10.2022 को जारी कर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा की सेवाएं अत्यावश्यक घोषित की गईं हैं। इस संबंध में आपका ध्यान मध्यप्रदेश अत्यावश्यक  सेवा संधारण तथा विछिन्नता निवारण अधिनियम 1979 की ओर आकर्षित कर अवगत कराना चाहते हैं कि आपके द्वारा की गई उक्त कार्रवाई प्रथम दृष्टि में ही सर्वथा अनुचित एवं अवैध है। क्योंकि उक्त अधिनियम के शेड्यूल में जो सेवाएं शामिल की गई हैं उसमें कोपरेटिव बैंक शामिल नहीं हैं। 


केवल राज्य शासन को अधिकार

उक्त अधिनियम की धारा 4 के अन्तर्गत किसी गतिविधि को अत्यावश्यक घोषित करने का अधिकार केवल राज्य शासन को है। राज्य शासन द्वारा उक्त अधिकार सब डेलीगेट कर आपको नहीं दिए जा सकते हैं। इस कारण आपके द्वारा जारी आदेश क्रमांक/449/प्रवाकले/2022, 31 अक्टूबर प्रथम दृष्टि में ही अधिकार विहीन होकर शक्तियों का मनमाना उपयोग है तथा आपके उक्त अधिकारिता विहीन आदेश के आधार पर बैंक अधिकारी हमारे पक्षकार के सदस्यों को अविलंब कार्य पर उपस्थित होने तथा हड़ताल समाप्त करने के निर्देश दे रहे हैं। जबकि आपका मूल आदेश ही अधिकार विहीन है। इस कारण आगे की अनुसांगिक कार्रवाई भी अनुचित एवं अवैध है।

कर्मचारी संह के अध्यक्ष ने कहा

सहकारी बैंक रीवा कर्मचारी संह के अध्यक्ष ने कहा कि संघ द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से एस्मा लागू किए जाने के संबंध में लीगल नोटिस भेजा गया है। कलेक्टर को एस्मा लगाने का पॉवर नहीं है। पीडीएस का कार्य किसी भी तरह से हड़ताल की वजह से प्रभावित नहीं हो रहा है। एस्मा लागू किए जाने का अधिकार केवल राज्य शासन को है। जब तक हमारी मांगें पूर्णत: नहीं मानी जाएंगी तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। जिस तरह से प्रशासक को चार्ज दिया जा रहा है वह सेवा नियम के तहत नहीं हो रहा।

 वेतनवृद्धि को लेकर हड़ताल में हैं कर्मचारी

कर्मचारियों की हड़ताल का आज दसवां दिन है। इनकी मांग है कि 2015 से मंहगाई भत्ता और 2016 से वेतनवृद्धि समेत अन्य लाभ दिए जाएं। छठवें वेतनमान में इंक्रीमेंट की रोक लगाने की वजह से कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। सरकार मांगें मानने को तैयार नहीं। 

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