ANUPPUR. मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार करने में सरकारी कर्मचारियों ने इंतहा कर दी है। अब देखिए ना, जनपद पंचायत अनूपपुर के ग्रांम पंचायत लतार के रोजगार सहायक और तत्कालीन प्रभारी सचिव नरेश प्रसाद लहरे ने पीएम आवास योजना में की बड़ा भ्रष्टाचार किया है। उसने पीएम आवास योजना में घर पाने के लिए अपनी ही मां के चार पति बना दिए हैं। इसके अलावा गड़बड़ी कर अपने भाइयों को भी पीएम आवास योजना का लाभ दिला दिया। तमात शिकायतों के बाद अब रोजगार सहायक को सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह ओहरिया ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है और 18 अप्रैल तक जवाब मांगा है।
भाइयों को गलत तरीके से दिला दी आवास की राशि
जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत लतार में एक ही घर में दो भाईयों जिनमें जितेन्द्र चौधरी और दौलत चौधरी पिता दासू को वर्ष 2019-20 में आवास स्वीकृत हुआ था। जिसमें रोजगार सहायक ने दौलत के मकान के सामने उनके भाई जीतेन्द्र को खड़ा कर जियो टैग दिलवा दिया और बिना भवन बनाए ही एक ही आवास पर दोनों भाईयों को राशि का भुगतान करवा दिया। इसी तरह चैतू कोल, धन्नू यादव तथा राम सिंह गोड़ का पीएम आवास योजना में अधूरे आवास पर ही पूरे कार्य का जियो टैग लगाकर चौथी किश्त का पेमेंट कर दिया। मामले मे सीईओ ने सरकारी राशि गबन के मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। और 6 अप्रैल को सीईओ ने संबंधित थाने को रोजगार सहायक के खिलाफ एफआईआर करने पत्र भी लिखा।
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जांच में सही गबन की शिकायत सही पाई
सीईओ जिला पंचायत अनूपपुर अभय सिंह ओहरिया ने बताया कि ग्राम पंचायत लतार के रोजगार सहायक और तत्कालीन प्रभारी सचिव नरेश प्रसाद लहरे द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से शासकीय राशि का गबन किए जाने की शिकायत मिली थी। इसके बाद मामले की जांच कराई गई। जिसमे गबन होना पाया गया है। जल्द ही उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।
यह भी गड़बड़ी की
प्रभारी सचिव नरेश प्रसाद लहरे पिता ठुनगुन चौधरी का नया कारनामा सामने आया है। जहां अपने तीन सगे भाईयों सहित स्वयं की पत्नी को पीएम आवास का लाभ अनुचित रूप दिलाया गया। जिसमें नरेश ने अपनी मां गुलईची बाई को कागजों में भाईयों के ससुर और अपने ससुर की पत्नी बना दिया। और फर्जीवाड़ा कर दिया। इतना ही नहीं पत्नी प्रेमा बाई के नाम से पीएम आवास में स्वीकृत केस में भी गलत जियो टैग कर दिया। इस मामले में मकान के सामने अपने 15 साल के बेटे की फोटो लेकर जियो टैग करवा दिया गया।
रोजगार सहायक ने अपनी मां के तीन पति बना दिए
जानकारी के अनुसार रोजगार सहायक नरेश के तीन भाई सुरेश चौधरी, राजाराम चौधरी और कमलेश चौधरी हैं। जहां वर्ष 2018-19 में पत्नी प्रेमा बाई, भाई राजाराम की पत्नी सावित्री चौधरी तथा भाई कमलेश की पत्नी कमलेश्वरी के नाम पर पीएम आवास स्वीकृत कराया। लेकिन इन सब में अपनी मां को भाईयों के ससुर की पत्नी बना दिया। पत्नी के नाम स्वीकृत पीएम आवास में अपनी मां को ही सास बना लिया।
यह है मामला
ग्राम पंचायत लतार में प्रभारी सचिव के पद रहे रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे द्वारा पीएम आवास योजना के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया। जिसकी लगातार शिकायतों के बाद जनपद स्तर पर समिति बनाकर जांच की गई। जांच के दौरान एक ही घर में दो सगे भाइयों जितेन्द्र चौधरी और दौलत चौधरी को वर्ष 2019-20 में आवास स्वीकृत किया गया। जिसके बाद दौलत चौधरी द्वारा प्रथम किश्त का उपयोग कर भवन बनाने के लिए शुरुआती कार्य पूर्ण होने पर द्वितीय किश्त की राशि 45 हजार के लिए जियो टैग की गई। जितेन्द्र चौधरी के द्वारा प्रथम किश्त के बाद भी भवन निर्माण का कार्य नहीं किया गया। वहीं जितेंद्र को दौलत चौधरी के आवास के सामने खड़ा कराते हुए जियो टैग कर दिया गया। दोनों भाईयों को संपूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया। इस केस में सरकारी राशि का गबन किया गया। इसके साथ ही वर्ष 2019-20 में चैतू कोल पिता लीला कोल, धन्नू यादव पिता रेवा यादव तथा राम सिंह गोड़ पिता जोहन सिंह का मंजूर पीएम आवास का कार्य अपूर्ण होने के बावजूद जियो टैग कर दिया गया। इसके बाद चतुर्थ किश्त की राशि का भुगतान भी करा दिया।